गाजियाबाद नगर निगम ने राजनगर एक्सटेंशन को यूपी गेट से जोड़ने वाली 10 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का नाम बदलकर 'रामसेतु' करने का फैसला किया है. मेयर सुनीता दयाल ने मंगलवार को बताया कि सड़क पर नए नाम वाला एक पत्थर लगाया जाएगा. यह निर्णय जीएमसी की कार्यकारी समिति ने लिया है.
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक, यह सड़क समाजवादी पार्टी का ड्रीम प्रोजेक्ट थी और इसका निर्माण कार्य 2014 में अखिलेश यादव के शासनकाल के दौरान शुरू किया गया था और 2017 में पूरा होने के बाद इसका उद्घाटन भाजपा ने किया था.
पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि इसके निर्माण पर लगभग 1,147 करोड़ रुपये खर्च किए गए और इससे उन हजारों यात्रियों को सुविधा हुई, जो दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा करते हैं.
खास है गाजियाबाद की ये एलिवेटेड रोड
बता दें कि ये पूरा एलिवेटेड रोड सिंगल पिलर पर बनी है. इस एलिवेटिड सड़क पर ट्रक और बस जैसे भारी वाहनों को चलने की अनुमति नहीं है. साइकल, बाइक और कारों हो ही इस पर जाने दिया जाता है. मार्ग के दोनों छोरों पर भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए लो हाइट बैरियर लगाए गए हैं. इसके निर्माण से पहले बारापूला एलिवेटिड रोड एनसीआर की सबसे लंबी एलिवेटिड सड़क थी. इसकी लंबाई 9.5 किलोमीटर है. द्वारका एक्सप्रेस-वे पर बनी एलिवेटिड रोड भी देश की सबसे लंबी एलिवेटिड सड़कों में से एक है. इसकी लंबाई 9 किलोमीटर है, जो दिल्ली से हरियाणा को जोड़ती है.