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लखनऊ: राहुल गांधी की नागरिकता का मामला, हाई कोर्ट ने सरकार को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा

यह याचिका बेंगलुरु निवासी विग्नेश नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल की गई थी. याचिका में दावा किया गया था कि राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन में अपनी एक कंपनी के दस्तावेजों में अपनी नागरिकता 'ब्रिटिश' दर्ज कराई है. जब वह दूसरे देश के नागरिक हैं तो भारत के नागरिक के रूप में रायबरेली से सांसद कैसे हो सकते हैं.

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दाखिल एक याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अहम आदेश जारी किया है. कोर्ट ने भारत सरकार को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर राहुल गांधी की नागरिकता पर निर्णय लेकर याचिकाकर्ता को सूचित करे.

दो हफ्ते में सरकार को देना होगा जवाब

यह आदेश जस्टिस ए.आर. मसूदी और जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने जारी किया है. कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है लेकिन सरकार को तय समयसीमा में निर्णय लेने को कहा है. बता दें कि यह याचिका बेंगलुरु निवासी विग्नेश नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल की गई थी. 

याचिका में दावा किया गया था कि राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन में अपनी एक कंपनी के दस्तावेजों में अपनी नागरिकता 'ब्रिटिश' दर्ज कराई है. जब वह दूसरे देश के नागरिक हैं तो भारत के नागरिक के रूप में रायबरेली से सांसद कैसे हो सकते हैं.

क्या है पूरा मामला?

कर्नाटक के रहने वाले एस विग्नेश ने 12 सितंबर को एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने रायबरेली से सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के यूनाइटेड किंगडम (यूके) का नागरिक होने दावा किया था. 

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शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने मामले की गहन जांच की और कहा कि उन्हें जो गोपनीय जानकारी मिली है, उससे पता चला है कि गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है. एस विग्नेश शिशिर ने सीबीआई जांच की मांग के साथ ही राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की भी मांग की थी.

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