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पुलिस वालों ने बनाया गैंग, किडनैप कर मांगते थे फिरौती, खुद को बताते थे...

कानपुर में पुलिस ने अपराध को अंजाम देने वाले एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जिसे पुलिस वाले ही चला रहे थे. इस गैंग का पर्दाफाश होने पर महानगर के लोग हैरान हैं. आरोप है कि ये गैंग एसटीएफ के नाम पर व्यापारियों का अपहरण करके वसूली करता था. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो अन्य अभी फरार हैं.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पुलिस वाला और उसका साथी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पुलिस वाला और उसका साथी

उत्तर प्रदेश में एक तरफ एसटीएफ के एक्शन से अपराधियों में भय है, लेकिन कानपुर में कुछ पुलिस वाले ही एसटीएफ के नाम पर व्यापारियों का अपहरण करके वसूली का गैंग चला रहे थे. कानपुर कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश किया है. जिसमें एक सिपाही और उसका साथी पकड़ा गया है, जबकि दूसरा सिपाही और उसका साथी फरार है.

कानपुर के गोविंद नगर की जेपी कॉलोनी में रहने वाले दुकानदार पंकज कपूर को शुक्रवार रात एक कार से आए 4 लोग उठा ले गए थे. इन लोगों ने कहा था कि वो एसटीएफ से हैं. इसके बाद उसको सुनसान जगह ले गए. जहां उससे कहा कि तुम नशीले पदार्थ बेचते हो. इस मामले में जेल भेज देंगे वरना हमको 20 हजार रुपये दो. 

पंकज ने नशीले पदार्थ बेचने की बात से इनकार किया. इसके बाद उन लोगों ने उसके दोस्त से बात करवाई और पैसे की व्यवस्था करने की बात कही. इसी दौरान पंकज के घरवालों ने सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस इस गैंग को पकड़ने की कोशिश की लेकिन व्यापारी को छोड़कर गैंग मौके से फरार हो गया.

इसके बाद रात भर में पुलिस ने सीसीटीवी और गाड़ी के नंबर से इनका पता लगाकर गैंग का पर्दाफाश किया. पुलिस ने इस गैंग में सिपाही मुकेश को उसके साथी शालू के साथ गिरफ्तार किया है. मुकेश का दूसरा साथी अमित जो कि पुलिसकर्मी है, वो साथी के साथ मौके से फरार हो गया. 

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इस मामले में डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने मुकेश और शालू को मीडिया के सामने पेश करते हुए जानकारी दी कि ये लोग एसटीएफ के नाम पर वसूली गैंग चला रहे थे. इसका मुखिया मुकेश और उसका साथी सिपाही अमित है.

कहा कि ये लोग गोविंद नगर इलाके में स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सीधे-साधे दुकानदारों को एसटीएफ के नाम पर पूछताछ करने के लिए उठा लेते थे. फिर उनको फंसाने की धमकी देकर वसूली करते थे. पुलिस कमिश्नर ने दोनों की बर्खास्तगी के आदेश दिए हैं. मुकेश के पिता दरोगा रह चुके हैं. उसका एक भाई हमीरपुर पुलिस में है. 

 

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