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धरोहर बनना चाहिए था पुश्तैनी मकान, लेकिन चला दिया बुलडोजर..' ओलंपियन शाहिद के भाइयों का झलका दर्द

पूर्व हॉकी खिलाड़ी और पद्मश्री से सम्मानित ओलंपियन स्व. मो. शाहिद का पुस्तैनी मकान सड़क चौड़ीकरण में तोड़ दिया गया. परिवार ने प्रशासन से शादी तक मोहलत और मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन कार्रवाई तय समय पर हुई. मकान को धरोहर बनाने की मांग भी परिवार ने उठाई है.

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ओलंपियन शाहिद के पैतृक घर पर चला बुलडोजर (File Photo: ITG)
ओलंपियन शाहिद के पैतृक घर पर चला बुलडोजर (File Photo: ITG)

वाराणसी में पूर्व हॉकी खिलाड़ी और ड्रिबलिंग के जादूगर कहे जाने वाले ओलंपियन पद्मश्री स्वर्गीय मो. शाहिद के पुस्तैनी मकान पर रविवार को बुलडोजर चला. सड़क चौड़ीकरण के तहत PWD ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में यह कार्रवाई की. कुल 13 मकानों पर यह कार्रवाई हुई, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मो. शाहिद के मकान की रही.

यह वही मकान है जहां से मो. शाहिद ने अपने जीवन की शुरुआत की थी. उनका परिवार इस मकान से गहरी यादें जोड़ता है. शाहिद का परिवार काफी पहले यहां से हट चुका था, लेकिन उनके बड़े भाई राजू और अन्य सदस्य अब भी यहीं रह रहे थे.

13 मकानों पर चला बुलडोजर 

मो. शाहिद के भाई राजू ने बताया कि मकान पर स्टे है और कुल 9 हिस्सेदार हैं. इनमें से 6 ने मुआवजा ले लिया है, लेकिन उन्होंने शादी तक मोहलत और थोड़ा ज्यादा मुआवजा मांगा था. परिवार का कहना है कि उन्हें महज 35 लाख रुपये में जो हिस्सा मिलेगा, वह बहुत कम है.

प्रशासन से मांगा था समय 

राजू ने कहा कि उनके पास कहीं और रहने की जगह नहीं है और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई है. मोइनुद्दीन, जो शाहिद के भाई हैं, उन्होंने कहा कि मकान को धरोहर घोषित किया जाना चाहिए था.  जब एक महीने का समय नहीं मिला तो धरोहर बनाने की उम्मीद कैसे करें.

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