scorecardresearch
 

आगरा के एयर पॉल्यूशन सेंटर्स में नहीं मिला कोई स्प्रिंकलर, रियलिटी चेक में हैरान करने वाला खुलासा

आगरा में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर आजतक की टीम ने रियलिटी चेक किया है, जिसमें पता चला है कि वायु प्रदूषण की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है. रियलिटी में पता चला है कि आगरा नगर निगम ऑफिस, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस के आसपास वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक स्तर पर था.

Advertisement
X
आगरा में बढ़ रहा है प्रदूषण.
आगरा में बढ़ रहा है प्रदूषण.

यूपी के आगरा में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से हवा का गुणवत्ता हर रोज खराब हो रही है. शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर आजतक की टीम ने रियलिटी चेक किया है, जिसमें पता चला है कि वायु प्रदूषण की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है. रियलिटी में पता चला है कि आगरा नगर निगम ऑफिस, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस के आसपास वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक स्तर पर था. जांच के दौरान हमारी टीम को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस की छत पर स्थापित वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर कोई स्प्रिंकलर नहीं मिला और न ही पानी छिड़कने वाली व्यवस्था नजर आई.  

वहीं, प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों की ओर से कई दावे किए जा रहे हैं. हालांकि, रियलिटी चेक के लिए ताज महल से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित शाहजहां गार्डन के वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पहुंची हमारी टीम को स्टेशन के पास लंबे-लंबे पेड़ दिखाई दिए. और स्टेशन की जमीन पूरी तरह से सूखी पड़ी थी. साथ ही न पानी छिड़कने से जुड़ा कोई भी उपकरण वहां मौजूद नहीं था. वायु प्रदूषण की जांच करने वाली मशीन जांच कर रही थी और डिस्प्ले पर दिख रहा था. शाहजहां गार्डन के वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर 11 नवंबर को 80, 12 नवंबर को 140 और 13 नवंबर को 157 म्यू ग्राम प्रति घन मीटर (159 µg/m³) रहा है.

इसके बाद टीम ने आगरा नगर निगम से करीब 5 किलोमीटर दूर मनोहरपुर में स्थित प्रलूड पब्लिक स्कूल वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर पहुंची. यह स्टेशन स्कूल की चौथी मंजिल की छत पर बना हुआ है. यहां से यमुना नदी करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर है. इस स्टेशन के चारों तरफ काफी हरियाली थी. वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर शाहजहां गार्डन स्टेशन जैसा ही हाल नजर आ रहा था. मनोहरपुर स्टेशन पर स्प्रिंकलर अथवा पानी के छिड़काव करने का कोई सामान भी नहीं दिखा. मनोहरपुर के वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर 11 नवंबर को 85, 12 नवंबर को 119 और 13 नवंबर को 116 म्यू ग्राम प्रति घन वायु मीटर पाया गया.

Advertisement

इसके बाद टीम ने शास्त्रीपुरम के epip एरिया में लगे वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर पहुंची. यह स्टेशन फुटवियर एक्सपोर्ट करने वाली एक फैक्ट्री की तीसरी मंजिल पर स्थापित है. इस स्टेशन पर भी दोनों स्टेशनों जैसी स्थिति देखने को मिली. इस स्टेशन पर वायु प्रदूषण 11 नवंबर को 69, 12 नवंबर को 162 और 13 नवंबर को 137 म्यू ग्राम प्रति घन मीटर पाया गया.

क्या बोले अधिकारी

क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि नगर निगम वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन का AQI बढ़ा रहता है, उसका कारण है कि वहां लगातार वाहनों का आवागमन रहता है. रात में भी वहां से भारी ट्रक निकलते हैं. दिनभर जाम की स्थिति रहती है, यहां रेगुलर लोड बहुत ज्यादा हैं. आवास विकास वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के आस पास रोड डस्ट (धूल) ज्यादा है. रोड डस्ट होने की वजह से यहां PM 10 बढ़ जाता है. शाहजहां गार्डन वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर मेट्रो के निर्माण के वक्त  AQI बढ़ा रहता था,  लेकिन पिछले साल मेट्रो का काम पूरा होन के बाद AQI कम हुआ है. 

क्या बोले पर्यावरण विद

वहीं, पर्यावरण विद ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन इन लोगों ने गलत जगहों पर लगाए हैं. बिजली घर चौराहे और नुनिहाई इंडस्ट्रियल एस्टेट में नहीं लगे है. फाउंड्री नगर में नहीं लगा हुआ. इन्होंने जानबूझकर ऐसी जगह लगाए हैं जैसे प्रिल्यूड स्कूल के आस-पास हरा भरा और साफ सफाई है, वहां लगाने का कोई मतलब नहीं था. संजय पैलेस और आवास विकास की तरफ वाहनों का मूवमेंट बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से थोड़ा यहां AQI ज्यादा रहता है. धूल-मिट्टी बहुत उड़ रही है. यमुना भी सूख गई है. इसी कारण AQI बढ़ गया है.

Advertisement

पर्यावरण विद डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने कहा कि AQI के डस्ट को ट्रैफिक से वैरी करते हैं, कंस्ट्रक्शन गतिविधि से भी वैरी करते हैं. इनकी मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मॉनिटरिंग करनी चाहिए.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement