चित्रकूट में गुप्त गोदावरी की पहाड़ी पर एक और गुफा मिली है. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी को दी. इस पर एसडीएम ने टीम के साथ गुफा का मौका मुआयना किया. यह गुफा काफी लंबी-चौड़ी है.
एसडीएम गुफा में करीब 20 फीट तक भीतर गए. गुफा गुप्त गोदावरी पहाड़ी पर शुरुआती चढ़ाई पर ही है, जिसका मुहाना संकरा है. एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने बताया कि गुप्त गोदावरी से 200 मीटर की दूरी पर वन विभाग का पार्क है. उसके आगे ही ये गुफा है. गुफा से एक किलोमीटर दूर टेढ़ी पतमनिया गांव की बसाहट है.
खोदाई के दौरान मिली थी ऐसी ही एक गुफा
गौरतलब है कि करीब 5 साल पहले गुप्त गोदवारी से थरपहाड़ गांव जाने के लिए पहाड़ी पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था. यहां खोदाई के दौरान ऐसी ही एक गुफा मिली थी. उस वक्त भी एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने गुफा का जायजा लिया था. बाद में इस गुफा को बंद करा दिया गया था.
गुप्त गोदावरी का पौराणिक महत्व
चित्रकूट में गुप्त गोदवारी का पौराणिक महत्व है. मान्यता कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल में साढ़े 11 साल चित्रकूट में बिताए थे. पौराणिक मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पहाड़ी की दो कंदराओं में वक्त बिताया था.
कहते हैं कि इस गुफा में गोदावरी नदी गुप्त रूप से बहती है और गुफा के बाहर आकर विलीन हो जाती है. गुफा में श्रद्धालुओं को घुटनों तक पानी से होकर जाना पड़ता है.