उत्तर प्रदेश के सलेमपुर में इन दिनों एक ‘मेडिसिन मैन’ की खूब चर्चा है. इनका नाम राजेश सिंह दयाल है. बड़े बेटे की मौत के बाद इन्होंने गरीबों का फ्री इलाज कराने का बीड़ा उठाया है. अब तक एक लाख से अधिक गरीबों का इलाज करा चुके हैं. साथ ही एक हजार से अधिक लोगों का मोतियाबिंद का फ्री ऑपरेशन करवा चुके हैं.
दरअसल, राजेश सिंह दयाल के बड़े बेटे कुंवर प्रताप की 10 साल पहले मौत हो गई थी. 23 साल के कुंवर अपने दोस्तों के साथ दुरंतो एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे थे. गाजियाबाद में वह अपनी सीट से नीचे पड़े थे और मुंह से झाग निकल रहा था. उसकी मौत ने राजेश को झकझोर कर रख दिया था. बेटे को खोने के गम ने राजेश के हौसले को तोड़ दिया था. मगर, उन्होंने इस गम को भुलाने के लिए गरीबों की मदद का रास्ता चुना.
बेटे की मौत के बाद उठाया बीड़ा
बेटे की मौत के कुछ साल बाद राजेश ने गरीबों का फ्री इलाज कराने का बीड़ा उठाया. इसकी शुरुआत यूपी के पिछड़े इलाके में शुमार देवरिया और बलिया ज़िले के सलेमपुर से की. डॉक्टरों की टीम गांव-गांव कैंप लगाती और फ्री में चेकअप करती है.
अब तक करीब एक लाख 25 हजार लोगों का फ्री इलाज कराया जा चुका है. साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की आर्थिक मदद भी की जाती है. शनिवार को भी राजेश की ओर से बलिया के पूर इलाके में मेडिकल कैंप लगाया गया.
यहां अलग-अलग बीमारियों के 6 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने 1500 से अधिक लोगों का चेकअप किया. फ्री में दवाइयां दी गईं. राजेश ने कहा कि इस काम के पीछे मेरा कोई निजी स्वार्थ नहीं है. 2014 में बड़े बेटे को खोने की पीड़ा है.