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मायावती का नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर इशारों में बड़ा हमला, बोलीं- आकाश आनंद की वापसी से 'बरसाती मेंढकों' में बेचैनी

मायावती का चंद्रशेखर आजाद पर यह अब तक का सबसे बड़ा सियासी हमला है. उन्होंने लिखा कि भाजपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के इशारों पर कोई निजी स्वार्थ में विधायक सांसद भले बन जाए लेकिन इससे उस समाज का भला नहीं होने वाला.

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मायावती और चंद्रशेखर आजाद
मायावती और चंद्रशेखर आजाद

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इशारों में ही सही लेकिन आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पर निशाना साधा है. मायावती ने X पर एक के बाद एक पोस्ट कर लिखा कि- आकाश आनंद के दोबारा नेशनल के कोऑर्डिनेटर बनने से कुछ लोगों में बेचैनी दिखाई दे रही है. यही नहीं चंद्रशेखर आजाद 'रावण' की तरफ इशारा करते हुए मायावती ने उन्हें 'बरसाती मेंढक' तक करार दिया है. 

गौरतलब है कि मायावती का चंद्रशेखर आजाद पर यह अब तक का सबसे बड़ा सियासी हमला है. उन्होंने लिखा कि भाजपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के इशारों पर कोई निजी स्वार्थ में विधायक सांसद भले बन जाए लेकिन इससे उस समाज का भला नहीं होने वाला. यही नहीं मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद की तारीफ भी की है. उन्होंने कहा है कि उनके नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने से बहुत सारे लोगों में बेचैनी देखी जा रही है. यह सीधा इशारा चंद्रशेखर आजाद पर माना जा रहा है. 

दरअसल, चंद्रशेखर ने बीते दिनों लखनऊ में मुस्लिम समुदाय के एक जलसे में कहा था कि आजाद समाज पार्टी ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों और विरासत का प्रतिनिधित्व करती है. उनके इस बयान के बाद अब मायावती की टिप्पणी आई है. ऐसे में प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया है. 

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मायावती ने कहा कि देश में बसपा बहुजन हित की एकमात्र अंबेडकरवादी पार्टी है तथा पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चताप करने पर उन्हें वापस लेने की परम्परा है. इसी क्रम में आकाश आनंद के उतार-चढ़ाव व उन्हें मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने से बहुत से लोगों में बेचैनी स्वाभाविक है. 

बकौल मायावती- पार्टी को उम्मीद है कि अब आकाश आनंद बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर एवं मान्यवर कांशीराम जी के आत्म-सम्मान के कारवां को आगे बढ़ाने व उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी पूरी तनम्यता व जी-जान से निभाएंगे अर्थात पार्टी को अवसरवादी व स्वार्थी लोगों की कतई जरूरत नहीं. वैसे भी कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बसपा को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं. लोग सावधान रहें. 

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