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'पूरी बहार लुट गई, अब सिर्फ फॉर्मेलिटी रह गई', काउंटिंग से पहले बोले कुंदरकी के सपा उम्मीदवार

कुंदरकी से सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान ने कहा कि पूरी बहार लुट गई अब सिर्फ फॉर्मेलिटी रह गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि उपचुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. अल्पसंख्यकों को वोट तक नहीं डालने दिया गया.

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कुंदरकी से सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान
कुंदरकी से सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान ने काउंटिंग से पहले आरोप लगाया कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और अल्पसंख्यकों को वोट ही नहीं डालने दिया गया. उन्होंने तैयारियों को लेकर कहा कि अब क्या तैयारी करें, पूरी बहार लुट गई अब सिर्फ फॉर्मेलिटी-फॉर्मेलिटी रह गई है. 

हाजी रिजवान ने कहा, "धांधली तो बड़े पैमाने पर हुई है. इसमें कोई दोराय नहीं है. अब क्या तैयारी है चुनाव की, जब सब कुछ लुट गया. जब पूरी बहार लुट गई, अब तो सिर्फ फॉर्मेलिटी-फॉर्मेलिटी रह गई है. किसी भी बूथ पर चले जाइए, अगर पांच फीसदी भी लोग कह दें कि उन्होंने वोट डाला है तो हम राजनीति से संन्यास ले लेंगे. हर तरह से दमन किया गया है. भाजपा सरकार में माइनॉरिटी पूरी तरह अनसेफ है. चुनाव वापस करवाए जाएं, हमें यूपी पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है." 

सपा का गढ़ मानी जाती है कुंदरकी सीट 

कुंदरकी सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है. इस सीट पर सपा के सांसद रहे डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का प्रभाव था. इस सीट से साल 2022 में उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क ने ही चुनाव जीता था. लेकिन जब शफीकुर्रहमान का निधन हुआ तो समाजवादी पार्टी ने उन्हें संभल से लोकसभा का चुनाव लड़वाया और वो सांसद चुने गए. जिसके बाद ये सीट खाली हुई और इस पर उपचुनाव हुआ. 

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किस पार्टी ने किसे बनाया प्रत्याशी? 

सपा ने कुंदरकी उपचुनाव में हाजी मोहम्मद रिजवान को अपना प्रत्याशी बनाया है. वह पहली बार 2002 में कुंदरकी सीट से चुनाव जीते थे. हालांकि, 2007 में बसपा के हाजी अकबर से हार गए थे. लेकिन 2012 और 2017 में उन्होंने वापसी करते हुए लगातार दो बार कुंदरकी सीट पर जीत दर्ज की. उनका मुकाबला बीजेपी के रामवीर ठाकुर से है. वहीं बसपा ने रफ़्तुल्लाह जान, AIMIM ने हाफिज वारिस और आजाद समाज पार्टी ने चांद बाबू को मैदान में उतारा है.  

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