झांसी रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां पिता की मौत के सदमे को बर्दाश्त न कर पाने के कारण 42 वर्षीय व्यक्ति की ट्रेन में ही मौत हो गई. मृतक रामेश्वर सिंह उर्फ राम विश्वास अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मुंबई से बिहार लौट रहे थे. वे लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से सफर कर रहे थे और झांसी स्टेशन पहुंचने से पहले ही उनकी हालत अचानक बिगड़ गई. पत्नी रीना देवी ने बताया कि पति पिछले दो दिनों से कुछ नहीं खा रहे थे और लगातार दुख में डूबे हुए थे.
गुरुवार को उनके 80 वर्षीय ससुर बंता राय की मौत हो गई थी, जिसकी खबर पाकर रामेश्वर भावुक हो उठे. लगातार रोते रहने और सदमे के कारण उनकी हालत धीरे-धीरे कमजोर होती चली गई. परिवार ने उन्हें खाना खाने के लिए कई बार कहा, मगर उन्होंने कुछ भी खाने से मना कर दिया.
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चलती ट्रेन में बिगड़ी तबीयत
शनिवार देर रात परिवार के मुताबिक, झांसी पहुंचने से पहले रामेश्वर को बेचैनी होने लगी. उनका शरीर कांपने लगा और तेज पसीना आने लगा. कुछ देर बाद वह थोड़े सामान्य हुए, लेकिन रात करीब 11 बजे उनकी तबीयत दोबारा गंभीर रूप से बिगड़ गई. ट्रेन के S-3 कोच में ही उन्होंने पत्नी के सामने दम तोड़ दिया.
यात्रियों ने हालात को देखते हुए तुरंत रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी. झांसी स्टेशन पर डॉक्टरों की टीम ट्रेन के पहुंचने का इंतजार करती रही. जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई, डॉक्टरों ने जांच कर रामेश्वर को मृत घोषित कर दिया. इस खबर के बाद पत्नी रीना और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
जीआरपी ने संभाला मामला
घटना की जानकारी मिलते ही झांसी जीआरपी ने शव को ट्रेन से उतारकर अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चरी भेज दिया. जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण स्पष्ट होंगे. हालांकि प्रारंभिक रूप से इसे सदमे और भूख से कमजोरी के कारण हुई मौत बताया जा रहा है.
मृतक रामेश्वर मुंबई में कारोबार करते थे और पत्नी रीना एवं चार बच्चों, जिनमें 14 वर्षीय आस्था, 12 वर्षीय अर्पिता, 11 वर्षीय अरोही और 9 वर्षीय यश के साथ रहते थे. परिवार अब अचानक हुए इस हादसे से पूरी तरह टूट चुका है. फिलहाल पुलिस और डॉक्टर मामले की जांच कर रहे हैं.