उत्तर प्रदेश में झांसी में बीड़ा (BIDA) मुआवजे की रकम आते ही कई परिवारों में पुराने रिश्तों की गांठें खुलने लगी हैं. रक्सा थाना क्षेत्र के इमलिया गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पांच साल पहले अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली गई महिला अब अचानक लौट आई है और पति से 45- 50 लाख के मुआवजे में हिस्सेदारी की मांग कर रही है. बताते चलें कि 'बीड़ा मुआवजे' का मतलब बीड़ा (BIDA) परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा है
महिला का कहना है कि उसे और उसके बच्चे को तीसरा हिस्सा मिलना चाहिए, जबकि पति का दावा है कि वह कई सालों से अपने बहन के देवर के साथ रह रही है, इसलिए अब उसका कोई अधिकार नहीं बनता. मामला थाने पहुंचा तो दो दिनों तक चली पंचायत भी असफल रही. अब यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का केंद्र बन गया है. झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम इमलिया निवासी सुरेंद्र अहिरवार इस समय ऐसे विवाद में फंसे हैं, जिसकी जड़ में बीड़ा द्वारा जमीन अधिग्रहण का मुआवजा है.
परिवार की जमीन बीड़ा में जाने के बाद लगभग 46 लाख रुपये का भुगतान हुआ, जिसमें से हाल ही में 20 लाख रुपये सुरेंद्र के खाते में आए थे. इसी रकम ने उनके जीवन में फिर हलचल पैदा कर दी. सुरेंद्र की शादी भोपालपुरा निवाड़ी, मध्य प्रदेश निवासी पुष्पा से दस साल पहले एक विवाह सम्मेलन में हुई थी. दोनों का एक बेटा भी है. सुरेंद्र बताते हैं कि शादी के शुरुआती साल ठीक चले, लेकिन कुछ समय बाद पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगे. वह घर में विवाद करती, फांसी लगाने की कोशिश करती, और मायके वालों को झूठी शिकायतें करती थी.
साल 2020 में, पत्नी अपने बहन के देवर आकाश के करीब आ गई और अचानक बेटे को लेकर उसी के साथ रहने चली गई. सुरेंद्र ने लगभग दो साल इंतजार किया, पंचायतें भी कराईं, लेकिन वह नहीं लौटी. अंततः उन्होंने कोर्ट में तलाक का मामला दायर कर दिया. लेकिन अब जब बीड़ा से पैसा उनके खाते में आया, तो पत्नी अचानक शुक्रवार को घर आ धमकी. उसने कहा कि उसे बेटे के हिस्से का आठ लाख रुपये चाहिए और कुल मुआवजे में से अपना हिस्सा भी चाहिए. इसके बाद रविवार को घर में बड़ा विवाद हुआ और दोनों पक्ष रक्सा थाने पहुंच गए.
दो दिन चली पंचायत का कोई नतीजा नहीं निकला. रक्सा थाने में रविवार और सोमवार को पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, पंचायत भी कराई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया. पत्नी पैसा न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे रही है, जबकि सुरेंद्र और उनके परिजन किसी भी तरह हिस्सा देने को तैयार नहीं.
पीड़ित सुरेंद्र की भाभी सुमन का कहना है कि देवर की शादी को 10 साल हो गए. पत्नी 5 साल पहले ही बहन के देवर के साथ रहने लगी थी. वह बेटा भी साथ ले गई और दोबारा कभी घर नहीं लौटी. अब सिर्फ बीड़ा के रुपयों पर हक जताने के लिए लौटकर आई है. सुमन का कहना है कि पत्नी अब बच्चे के नाम पर हिस्सा मांग रही है, जबकि बच्चा भी कई वर्षों से मां के साथ रह रहा है और पिता को उससे मिलने तक नहीं दिया जाता.
वही पीड़ित पति सुरेंद्र का कहना है की पुष्पा शादी के बाद से ही झगड़ा करने लगी थी, और आए दिन आत्महत्या की धमकी देती थी, फिर शादी के पांच साल बाद घर से चली गयी थी और अपनी बहन के देवर के साथ रहने लगी. अब जब हमारा मुआवजा आया तो हिस्सा मांगने आ गई.