scorecardresearch
 

श्मशान घाट, पुतले वाली साजिश और नई गाइडलाइन... अब अंतिम संस्कार से पहले होगा ID वेरिफिकेशन

ब्रजघाट श्मशान घाट पर सामने आए एक सनसनीखेज मामले के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. दरअसल, दिल्ली के युवकों द्वारा बीमा क्लेम हड़पने के लिए प्लास्टिक के पुतले का अंतिम संस्कार कराने की कोशिश की गई और ये लोग जिंदा आदमी को मृत दिखाना चाहते थे. अब यह मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है.

Advertisement
X
अंतिम संस्कार से पहले होगा वेरिफिकेशन. (Photo: ITG)
अंतिम संस्कार से पहले होगा वेरिफिकेशन. (Photo: ITG)

हापुड़ में ब्रजघाट के श्मशान घाट पर पुतले का अंतिम संस्कार करने की कोशिश करते हुए दिल्ली के दो युवक पकड़े गए. अब इस मामले में जिला प्रशासन और नगर पालिका ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. अब मृतक के शव का चेहरा और उसका आधार कार्ड या कोई भी पहचान पत्र देखने के बाद ही रजिस्टर में मृतक के नाम की एंट्री होगी. इसी के बाद उसके अंतिम संस्कार की अनुमति मिल पाएगी.

दरअसल, गुरुवार को दिल्ली से आए कमल सोमानी और आशीष खुराना नाम के दो युवक एक कार में प्लास्टिक का पुतला लेकर ब्रजघाट श्मशान पहुंचे थे. उन्होंने पुतले को मृतक 'अंशुल' बताकर कर्मचारियों से कहा कि उसकी मौत दिल्ली के एक अस्पताल में हुई है और पोस्टमार्टम के बाद वे अंतिम संस्कार कराने आए हैं. श्मशान घाट के कर्मचारी नितिन को शव उतारते समय उसका वजन बेहद कम लगा, जिस पर उसने मृतक का चेहरा दिखाने की मांग की. दोनों युवक लगातार बहाने बनाते रहे, जिससे शक और गहरा गया.

यहां देखें Video

जब कर्मचारी ने स्वयं कपड़ा हटाकर चेहरा देखा तो सभी के होश उड़ गए, कफन के नीचे किसी इंसान की लाश नहीं बल्कि प्लास्टिक का पुतला रखा हुआ था. तुरंत पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद पूछताछ में पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ. कमल सोमानी ने कबूल किया कि उसने 50 लाख रुपये के कर्ज के बोझ से परेशान होकर अपने दोस्त अंशुल के नाम पर कराए गए बीमे की रकम हासिल करने की योजना बनाई थी. इसके तहत वह पुतले को शव बताकर जलाने की कोशिश कर रहा था, ताकि बीमा कंपनी को यह झांसा दिया जा सके कि अंशुल की मौत हो चुकी है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: नकली अंतिम संस्कार और असली साजिश… पुतला जलाकर किसका डेथ सर्टिफिकेट लेना चाहते थे आरोपी?

घटना के सार्वजनिक होने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल सख्त कदम उठाए हैं. डीएम अभिषेक पांडे ने एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट कहा कि श्मशान घाट में अब बिना पहचान सत्यापन के किसी भी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. मृतक का चेहरा दिखाना और कार्यरत कर्मचारी द्वारा पहचान पत्र मिलान करना अनिवार्य होगा. रजिस्टर में मृतक का नाम तभी दर्ज होगा, जब पहचान प्रमाण दस्तावेज उपलब्ध हों और उसकी पुष्टि हो जाए.

इसके साथ ही श्मशान घाट की सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भी नए निर्देश जारी किए गए हैं. डीएम ने बताया कि श्मशान परिसर की पूरी चारदीवारी कराकर एक मुख्य एंट्री गेट बनाया जाएगा. सभी अंतिम यात्रा वाहन इसी गेट से प्रवेश करेंगे, ताकि निगरानी रखी जा सके और कोई अनधिकृत तरीके से शव अंदर न ले जा सके. मृतक की संपूर्ण पहचान का सत्यापन होने के बाद ही नगर पालिका की ओर से दाह संस्कार प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. डीएम अभिषेक पांडे ने कहा कि पहचान सत्यापन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement