उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में इस बार जुलाई के महीने में 40 साल बाद भीषण बाढ़ का कहर देखने को मिला है. यमुना और बेतवा नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है और लगातार बढ़ता जा रहा है.
शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है और गलियों में नावें चल रही हैं. लोग अपना जरूरी सामान समेट कर ऊंची जगहों पर जा रहे हैं. बाढ़ के चलते यमुना और बेतवा का पानी शहर के अंदर घुस चुका है.
यमुना और बेतवा नदियां खतरे के निशान से ऊपर
हमीरपुर जिला मुख्यालय के एक तरफ यमुना और दूसरी तरफ बेतवा नदी बहती है. दोनों नदियों के बीच महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी है. इस समय दोनों ओर से पानी शहर में प्रवेश कर चुका है.
जिलाधिकारी घनश्याम मीणा ने बताया कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी की गई है और प्रशासन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं. स्थानीय निवासी जलीस खान ने कहा कि 40 साल में पहली बार इतनी बड़ी बाढ़ जुलाई में आई है.
नदियों का पानी शहर में घुसने से लोगों की बड़ी मुश्किलें
एक महिला निवासी ने बताया कि जून-जुलाई में यहां सूखा पड़ा करता था लेकिन इस बार कुदरत ने झमाझम बारिश दी है. बांध लबालब हो चुके हैं, जिनके फाटक खोलने से और भी पानी यमुना और बेतवा में पहुंचकर बाढ़ की स्थिति बना रहा है.