वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में छात्र, सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए. जिसके बाद पत्थरबाजी और लाठीचार्ज हुआ. करीब तीन घंटे तक चले इस बवाल में दर्जनों लोग घायल हुए. विवाद की शुरुआत तब हुई जब राजाराम हॉस्टल के बाहर एक छात्र को टक्कर लगी और उसकी शिकायत नहीं सुनी गई.
कैसे शुरू हुआ कैंपस में बवाल?
घटना देर रात काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में हुई. राजाराम हॉस्टल के बाहर एक छात्र को वाहन से टक्कर लगी थी. छात्र शिकायत करने के लिए प्रोक्टोरियल बोर्ड के पास पहुंचे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई और सुरक्षाकर्मियों से उनकी कहासुनी हो गई. इससे नाराज छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर धरना देना शुरू कर दिया, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई और कैंपस युद्ध के मैदान में बदल गया.
छात्रों का हंगामा और तोड़फोड़
प्रोक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों ने जब हल्का बल प्रयोग किया, तो उपद्रवी छात्र और नाराज हो गए और जमकर पत्थरबाजी की. छात्रों ने एलडी गेस्ट हाउस के पास दर्जनों गमले तोड़ दिए और कुर्सियों को भी नुकसान पहुंचाया. इतना ही नहीं, काशी तमिल संगमम से संबंधित तमाम बैनर पोस्टर भी फाड़ दिए गए. स्थिति बिगड़ती देख BHU प्रशासन ने कई थानों की पुलिस फोर्स और PAC को मौके पर बुलाया.
बवाल के बाद सुबह का मंजर
आज सुबह एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर खामोशी छाई रही. सड़क पर पड़े पत्थरों को साफ कर दिया गया था और टूटे गमलों को नए गमलों से बदला जा चुका था. काशी तमिल संगमम के फटे बैनर की जगह नए पोस्टर लगा दिए गए थे. हालांकि, कुछ टूटे हुए वाहन पिछली रात के बवाल की कहानी बयां कर रहे थे. गौरतलब है कि बवाल के ठीक पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कैंपस से बाहर निकले थे.
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के लंका थाने में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के दो पूर्व छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इसके अलावा, कई अज्ञात लोगों को भी मामले में नामजद किया गया है. पुलिस ने यह कार्रवाई बीती रात हुए बवाल, मारपीट और पत्थरबाजी के संबंध में की है और आगे की जांच में जुट गई है.