उत्तर प्रदेश का इटावा जिला सुर्खियों में है. यहां यादव कथावाचक व उनके साथी के साथ हुई बदसलूकी के बाद माहौल गर्म है. बदसलूकी, बाल-चोटी काटने और मारपीट का आरोप ब्राह्मण समुदाय के लोगों पर लगा है. फिलहाल, शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर अल्टीमेटम दिया है. इन सबके बीच आइए जानते हैं आखिर जिस गांव में ये घटना हुई, वहां के लोग क्या कहते हैं...
आपको बता दें कि इस घटना से भागवत कथावाचक वाले इटावा के ददांरपुर गांव के संतों में भारी नाराजगी है. कथा आयोजक परिवार और संतों ने यादव कथावाचक से बदसलूकी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही साथ जाति छुपाने के आरोपी कथावाचक व उसके साथी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ददांरपुर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था. ग्रामीणों से बातचीत करने पर बताया गया कि इस कार्यक्रम में कथा व्यास बनकर दो लोग आए थे, जिन्होंने अपने आपको अग्निहोत्री ब्राह्मण बनाकर पेश किया. लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा पूछताछ करने पर वह यादव जाति के निकले. जिसके बाद गांव के ही कुछ अराजक तत्वों ने उनकी चोटी काटी और पिटाई की.
ब्राह्मण परिवार ने ही कथा के लिए बुलाया था, बीच-बचाव भी किया
जिस ब्राह्मण परिवार ने कथा कहने के लिए कथावाचक को बुलाया था उन्होंने इस पूरे विवाद के दौरान उनका बीच-बचाव किया. भीड़ में शामिल युवकों को मारपीट और बदसलूकी करने से मना भी किया लेकिन वे नहीं माने. वीडियो में पूरा बवाल कैद हो गया, जिसमें भीड़ यादव जाति के लोगों को दलित बताकर पीट रही है और जाति छिपाकर ब्राह्मणों के गांव में कथा कहने का दावा कर रही है.
चार आरोपी गिरफ्तार, कथावाचक पर एक्शन की मांग
इस घटना के बाद यादव समाज आक्रोशित हो उठा, उसने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, गांव के कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर पहचान छुपाकर आए लोगों के साथ अराजक तत्वों ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया जो बहुत निंदनीय है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन एक्शन उनपर भी होना चाहिए जिन्होंने अपनी पहचान छुपाई.
ग्रामीणों के मुताबिक, कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाई, धोखा देकर व्यास पीठ पर बैठे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. फिलहाल, इस पूरे घटनाक्रम के बाद गांव में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. यहां भागवत कथा का पंडाल लगा हुआ है, कथा विराम है, लेकिन कोई भी कथावाचक यहां नहीं आना चाह रहा.
यादव होकर खुद को अग्निहोत्री ब्राह्मण बताने का आरोप
कहा जा रहा है कि पास के हनुमान मंदिर पर कथा करवाने वाले पाठक बाबा ने इन कथावाचकों को बुलाया था. बाबा का आरोप है कि यादव कथावाचक ने अपने आप को ब्राह्मण बताया था. वो ब्राह्मण बनकर ही सभी जगह कथा कह रहा था. उनके पास भी अग्निहोत्री ब्राह्मण बनकर आया था और फर्जी आधार कार्ड दिखाया था. हालांकि, फिर भी उनके साथ मारपीट नहीं होनी चाहिए थी.