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देवरिया: भरी मीटिंग में मंत्री, सांसद और विधायकों को IAS ने दी वॉर्निंग,  ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए फोर्स ना करें

Deoria DM IAS Divya Mittal: देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने मंत्री, सांसद और विधायकों की मीटिंग में साफ-साफ कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधियों को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी अधिकारी पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए दबाव बनाए. यह सिर्फ शासन स्तर पर तय होता है और इसके स्पष्ट नियम हैं. उनके इतना कहते ही कई अधिकारियों ने ताली बजा दी.

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देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल (फाइल फोटो)
देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल (फाइल फोटो)

'कोई जनप्रतिनिधि किसी अधिकारी को ट्रांसफर के लिए फोर्स नहीं कर सकता, यह शासनादेश भी है' यह दो टूक संदेश है देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल का, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल जिला योजना समिति (दिशा) की बैठक में IAS अधिकारी ने जो कुछ कहा, उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में डीएम स्पष्ट रूप से जनप्रतिनिधियों को सलाह देती नजर आ रही हैं कि वे ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें.

इस बैठक में केंद्र और राज्य सरकार दोनों के जनप्रतिनिधि मौजूद थे. जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी कर रहे थे. बैठक में योगी सरकार की राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, भाजपा विधायक सुरेंद्र चौरसिया, विधायक सभा कुंवर, सपा सांसद रमाशंकर राजभर (सलेमपुर), MLC देवेंद्र प्रताप सिंह, और जिले के तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद थे. 

ऐसे शुरू हुई बात 

दरअसल, विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब बरहज विधायक दीपक मिश्रा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) शालिनी श्रीवास्तव से बैठक के दौरान सवाल किया. उन्होंने एक महिला शिक्षिका की महीनों से लंबित वेतन भुगतान का मुद्दा उठाया और साथ ही अपने क्षेत्र के एक संविदा अकाउंटेंट का ट्रांसफर रोके जाने की बात कही. विधायक ने आरोप लगाया कि बीएसए ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि उन्होंने कई बार अनुरोध किया. यही नहीं, जब उन्होंने अपने क्षेत्र की जर्जर सड़कों के निर्माण न होने पर PWD के अधिकारियों से जवाब मांगा तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई.

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बात इतनी बढ़ गई कि विधायक बैठक छोड़कर बीच में ही उठकर बाहर चले गए. बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी राय रखी. एक प्रतिनिधि ने कहा कि यदि अधिकारी ध्यान से जनप्रतिनिधियों की बात सुनें और समय पर निर्णय लें तो समस्याएं उत्पन्न ही नहीं होंगी. वहीं किसी ने यह भी कहा कि यदि कलम न फंसे तो ट्रांसफर कर देना चाहिए.

किसी को कोई अधिकार नहीं 

इसी के जवाब में डीएम दिव्या मित्तल ने साफ-साफ कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी अधिकारी पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए दबाव बनाए. यह सिर्फ शासन स्तर पर तय होता है और इसके स्पष्ट नियम हैं. उनके इतना कहते ही बैठक कक्ष में बैठे कई अधिकारी तालियां बजाते नजर आए. यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया और अब वही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

डीएम दिव्या मित्तल कौन हैं 

दिव्या मित्तल वर्ष 2013 बैच की IAS अधिकारी हैं. अपनी स्पष्टता, कार्यशैली और पारदर्शी प्रशासन के लिए जानी जाती हैं.  दिव्या मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में हुई. उन्होंने बीटेक और एमबीए किया हुआ है. लंदन में नौकरी भी की है. हालांकि, बाद में वह अपने पति गगनदीप के साथ वापस भारत आ गईं. 

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पति-पत्नी दोनों हैं IAS

गगनदीप साल 2011 में UPSC की परीक्षा पास कर आईएएस बने. जिसके बाद उन्होंने दिव्या मित्तल को भी प्रोत्साहित किया. साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास करके दिव्या आईपीएस बन गईं. उन्हें गुजरात कैडर मिला. साल 2013 में उन्होंने एक बार फिर से UPSC परीक्षा दी. इस बार आईएएस बनीं और उन्हें यूपी कैडर मिला. 
 

 

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