
कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट की चाह में एक युवा इंजीनियर की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अब न केवल डॉक्टर की योग्यता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि उनकी डिग्री को लेकर भी संदेह गहराता जा रहा है. जिस क्लीनिक में यह प्रक्रिया हुई, वहां अब ताले लटक रहे हैं और डॉक्टर 'लापता' हैं. पुलिस ने एम्पायर क्लीनिक चलाने वाली डॉक्टर अनुष्का तिवारी को नोटिस भेजा है, लेकिन वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुईं.
इस बीच चर्चा है कि वह डेंटिस्ट हैं, हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी डिग्री क्या है. डॉक्टर ने अपने क्लीनिक के बाहर से हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक का बोर्ड भी हटा दिया है. पहले इस बोर्ड पर डेंटल, हेयर और एस्थेटिक्स लिखा था.पावर हाउस में कार्यरत इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया दुबे ने 9 मई को रावतपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि 12 मार्च को वह अपने मायके गोरखपुर गई थीं. इस दौरान उनके पति विनीत दुबे ने रावतपुर क्षेत्र में स्थित डॉक्टर अनुष्का तिवारी के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया. प्रक्रिया के दौरान इंजेक्शन लगने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और चेहरे पर सूजन आ गई.
इसके बाद उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इन्फेक्शन बढ़ने से 15 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई. जया दुबे ने बताया कि इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें फोन कर अपनी पहचान छुपाते हुए बताया कि उनके पति की तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें तुरंत आना चाहिए. जब वह कानपुर पहुंचीं, तब तक उनके पति की मृत्यु हो चुकी थी. जया का आरोप है कि उनके पति की मौत गलत इलाज और लापरवाही से हुई है. शुरुआत में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, जिसके बाद जया ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की. इसके बाद 9 मई को पुलिस ने रावतपुर थाने में डॉक्टर अनुष्का तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया.
जया दुबे का कहना है कि उनके दो छोटे बच्चे हैं. उनके पति ने हेयर ट्रांसप्लांट के लिए पूरी फीस चुकाई थी, इसके बावजूद डॉक्टर ने लापरवाही की, जिससे उनके पति की मौत हो गई. उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. जब आजतक की टीम डॉक्टर से मिलने उनके क्लीनिक पहुंची, तो वहां बोर्ड हटा हुआ था और क्लीनिक पर ताला लगा था. भवन के गार्ड ने बताया कि बोर्ड डॉक्टर साहिबा ने स्वयं हटाया, लेकिन कारण की जानकारी नहीं दी. रावतपुर के एसीपी अभिषेक पांडे का कहना है कि मृतक की पत्नी की ओर से रिपोर्ट दर्ज की गई है. डॉक्टर को कई बार बयान देने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आईं. पत्नी की ओर से कुछ साक्ष्य भी दिए गए हैं, जिनकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या हेयर ट्रांसप्लांट सुरक्षित है?
इंजीनियर की मौत के बाद हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को लेकर आम लोगों के मन में डर और सवाल पैदा हो गए हैं. इस विषय पर नोएडा के सीनियर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और ट्राइकोलॉजिस्ट डॉ. निशांत से विशेष बातचीत की गई.
हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया क्या है?
डॉ. निशांत के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट में सिर के पिछले हिस्से से बाल लेकर उन्हें उन स्थानों पर प्लांट किया जाता है, जहां बाल झड़ चुके होते हैं. इसके दो प्रमुख तरीके हैं—FUT (Follicular Unit Transplantation) और FUE (Follicular Unit Extraction). FUT अब पुरानी तकनीक मानी जाती है, जबकि FUE एक आधुनिक और उन्नत प्रक्रिया है.
यह एक माइनर और सरल प्रक्रिया होती है जिसमें मरीज को बेहोश नहीं किया जाता. यदि यह किसी अनुभवी सर्जन द्वारा की जाए और सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन किया जाए, तो यह पूरी तरह सुरक्षित होती है.
किन बातों का ध्यान रखें?
डॉ. निशांत ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने बताया कि कई बार मरीज अपनी पूर्व की मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को नहीं बताते, जिससे जोखिम बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि हेयर ट्रांसप्लांट से पहले सभी आवश्यक मेडिकल जांच करवाई जाएं और डॉक्टर को पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताई जाए.
सावधानी और सुरक्षा अत्यंत आवश्यक
डॉ. निशांत ने चेताया कि इस क्षेत्र में कई अप्रशिक्षित लोग और टेक्नीशियन क्लिनिक चला रहे हैं, जो सस्ते पैकेज के नाम पर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. इसलिए यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि डॉक्टर क्वालिफाइड हों, क्लिनिक साफ-सुथरा हो, बायोमेडिकल वेस्ट का उचित निपटान होता हो, और ऑपरेशन थिएटर में सभी मानकों का पालन किया जा रहा हो. इलाज केवल लाइसेंस प्राप्त और अनुभवी सर्जनों से ही कराना चाहिए.