
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के काले साम्राज्य के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पूरा हो गया है. लगातार तीन दिन तक बुलडोजर चलाकर छांगुर बाबा की आलीशान कोठी के एक बड़े हिस्से को जमींदोज कर दिया गया है. ये कोठी ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी.
दरअसल, नेपाल से सटे उतरौला इलाके में बैठकर धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहे छांगुर बाबा ने जिस विदेशी फंडिंग से करोड़ों की कोठी को खड़ा किया, वह कोठी दुनिया की सारी सहूलियतों के साथ बाबा का किला थी, लेकिन यही किला अब मलबे का ढेर बन गया है. लगातार तीन दिनों तक प्रशासन के करीब 10 बुलडोजरों ने छांगुर बाबा के 3 बीघे में फैली कोठी के उस हिस्से को मिट्टी में मिला दिया है जो ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर बनाई गई थी.

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की जिस कोठी की सुरक्षा में सीसीटीवी कैमरे, विदेशी नस्ल के कुत्ते और कोठी में 50 परिवारों के रहने का इंतजाम था वह पूरा हिस्सा मिट्टी का ढेर बन गया है. हालांकि, सरकारी दस्तावेजों में यह कोठी बाबा की मुरीद, शागिर्द, करीबी, साए की तरह साथ रहने वाली नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज थी. लेकिन इसमें रहता जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ही था.
गौरतलब है कि बलरामपुर प्रशासन को इस कोठी के अवैध निर्माण वाले हिस्से को गिराने में पसीने आ गए. तीन दिनों में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक लगातार बुलडोजर एक्शन हुआ यानी लगभग 26 घंटे तक 10 से ज्यादा बुलडोजर गरजते रहे, तब लोहे सीमेंट की मजबूती के साथ खड़ा किया गया यह अवैध निर्माण गिराया जा सका.

प्रशासन का कहना है कि जितना हिस्सा अवैध था उसे गिराया जा चुका है. बुलडोजर एक्शन पूरा हो चुका है. लिहाजा सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात हैं- लेकिन सिर्फ दो. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जहां कुछ टाइम पहले तक एक आलीशान कोठी हुआ करती थी, अब वहां पर मलबे का ढेर लगा हुआ है.
आपको बता दें कि जैसे-जैसे छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे उसके काले कारनामों की परतें खुलती जा रही हैं. 4000 से भी ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराने वाले इस बाबा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), यूपी एटीएस और आयकर विभाग जैसी जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

एटीएस ने बीते दिनों जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एक सप्ताह की हिरासत में लिया. इस मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. छांगुर बाबा और नसरीन को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो अन्य सह-आरोपियों- नवीन उर्फ जमालुद्दीन और बाबा के बेटे महबूब को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था.