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दूसरे की फोटो, नकली हस्ताक्षर से लाखों का लोन, बैंक मैनेजर सहित 3 के खिलाफ केस दर्ज

भदोही में एक व्यक्ति के नाम पर फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंक लोन निकालने के मामले में अदालत के आदेश पर बैंक मैनेजर सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पीड़ित सुनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके नाम पर 1.85 लाख का लोन फर्जी हस्ताक्षर और दूसरे व्यक्ति की फोटो लगाकर मंजूर कराया गया था. बैंक में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का रुख किया था.

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लोन के नाम पर शख्स से हुई धोखाधड़ी (Photo: Representational )
लोन के नाम पर शख्स से हुई धोखाधड़ी (Photo: Representational )

यूपी के भदोही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के नाम पर धोखे से बैंक लोन निकालने के आरोप में बैंक मैनेजर सहित तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है. यह कार्रवाई अदालत के आदेश पर की गई है. 

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित ने लगभग एक साल तक बैंक और अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया. मामला बहरेजी गांव निवासी सुनिल कुमार मिश्रा से जुड़ा है, जिन्हें 28 नवंबर 2023 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की ओर से एक नोटिस मिला. 

लोन के नाम पर धोखाधड़ी

नोटिस में कहा गया था कि सुनिल ने भारतीय बैंक, ज्ञानपुर शाखा से 1.85 लाख रुपये का लोन लिया था, जो ब्याज सहित बढ़कर 4.23 लाख रुपये हो चुका है. नोटिस में उन्हें लोक अदालत में समझौते का अवसर भी दिया गया था.

नोटिस मिलते ही हैरान सुनिल ने बैंक में लिखित रूप से शिकायत दर्ज की कि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया लेकिन बैंक की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. कई महीनों तक समाधान न मिलने पर उन्होंने 26 सितंबर 2025 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) हरिकिरण कौर की अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की.

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फर्जी हस्ताक्षर के जरिए किसी और को दे दिया लोन

याचिका में सुनिल ने बताया कि लोन आवेदन में उनके नाम पर नकली दस्तावेजों का उपयोग किया गया था. बैंक रिकॉर्ड में उनके स्थान पर कोडर गांव के रमेश यादव की फोटो लगाई गई, जबकि दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर कर लोन मंजूर कराया गया. 

सुनिल ने आरोप लगाया कि उनके ही गांव के शशि भूषण मिश्रा, बैंक मैनेजर और अन्य लोग मिलकर इस धोखाधड़ी में शामिल थे. सुनिल के लिखित विरोध के बावजूद बैंक द्वारा उनके नाम पर रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) भी जारी कर दिया गया. अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए संबंधित प्रावधानों धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर, आपराधिक षड्यंत्र और अन्य धाराओं  में केस दर्ज करने का आदेश दिया.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

सुरियावां थाना प्रभारी राजेश प्रताप सिंह ने पुष्टि की कि अदालत के आदेश पर तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. पुलिस अब दस्तावेजों की जांच, हस्ताक्षर मिलान और बैंक रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच समेत मामले की विस्तृत छानबीन में जुट गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में यह घटना बेहद गंभीर है.

 

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