उत्तर प्रदेश के बांदा जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था एक बार फिर चर्चा में आ गई है. अस्पताल से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्हें देखकर कोई भी हैरान रह जाएगा. मरीजों को स्ट्रेचर और बेंच पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है. हालत यह है कि ग्लूकोज की बोतलें फायर सेफ्टी उपकरण पर टांगकर चढ़ाई जा रही हैं.
गर्मी और भीड़ के चलते बेड की कमी बताई जा रही है. मरीज के परिजन का कहना है कि बेड नहीं था और मरीज की हालत गंभीर थी, इसलिए जहां जगह मिली और वहीं इलाज शुरू कर दिया. अस्पताल में सैकड़ों बेड का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत इसके उलट नजर आ रही है.
जिला अस्पताल का खस्ता हाल
परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की मनमानी चल रही है. बाहर से जांच और दवाइयों का खेल भी खुलेआम हो रहा है. सरकार भले ही बेहतर इलाज के निर्देश दे रही हो, लेकिन अस्पताल प्रबंधन उन आदेशों की अनदेखी कर रहा है.
गर्मी और भीड़ के चलते बेड की कमी
इस मामले पर सीएमएस डॉक्टर एसडी त्रिपाठी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. जांच के आदेश दिए गए हैं. बेड की कमी के कारण कभी-कभी ऐसा हो जाता है, लेकिन आगे ऐसा न हो इसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी.