उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर वन्य जीवों का आतंक लगातार जारी है. रविवार तड़के, जिले के सबसे अधिक भेड़िया प्रभावित मंझारा तौकली गांव से 10 किलोमीटर दूर यह घटना हुई. यहां घर के बरामदे में लेटी मां अपने बच्चे को दूध पिला रही थी, तभी आदमखोर भेड़िया उसके बच्चे को गोद से छीनकर ले गया. मां ने बच्चे को बचाने के लिए भेड़िए का पीछा किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी. सोमवार सुबह गांव से कुछ दूरी पर बच्चे का शव बरामद हुआ. वन विभाग की टीमें आदमखोर को पकड़ने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन अब तक न तो भेड़िए को पकड़ा जा सका है और न ही उसे मार गिराया जा सका है.
जिले के थाना फखरपुर क्षेत्र के रसूलपुर दरेहटा गांव में राम मनोहर की पत्नी ननकई अपने बच्चों को लेकर घर के बरामदे में सोई थी. सुबह ननकई अपने तीन साल के बेटे अंशू को दूध पिला रही थी. इसी बीच अचानक पहुंचे आदमखोर भेड़िए ने झपट्टा मारकर मासूम को उसकी मां ननकई की गोद से छीन लिया और सूनसान रस्ते की ओर भाग निकला. घटना से अवाक ननकई ने चीखपुकार कर उस जानवर का पीछा किया लेकिन सुबह कोहरा अधिक होने के चलते कुछ दूर बाद वह आदमखोर कोहरे की धुंध में गायब हो गया. वहीं शोर सुनकर ग्रामीणों ने भी उस जानवर और बच्चे की काफी खोजबीन की लेकिन कोई अता पता नहीं चल सका. जानकारी होने पर वन कर्मियों ने भी सुबह से ही सर्च ऑपरेशन चला रखा है लेकिन तमाम कोशिशों के बाद अभी तक उस आदमखोर जानवर का तो पता नहीं चला लेकिन लापता बच्चे का क्षत विक्षत शव गांव से कुछ दूरी पर बरामद हो गया.
घर में अकेले रहती है पीड़ित ननकई
लापता बच्चे की मां ननकई अपने घर में अकेले रहती है. उसका पति राम मनोहर पंजाब में नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. घटना के समय वह अपने दोनों बच्चों के साथ घर में अकेले थी. इसलिए वह अकेले ही दौड़ी लेकिन मासूम को नहीं बचा सकी.
जिले के तीन थानों में है सर्वाधिक भेड़िए का आतंक
बहराइच में बीते सितंबर माह से अब तक 10 मासूमों समेत 12 लोग भेड़िए के हमले में जान गंवा चुके हैं .वहीं 32 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. वन विभाग के मुताबिक आदमखोर हो चुके आधा दर्जन भेड़ियों को वन विभाग ने गोलीमार कर समाप्त किया है. बावजूद इसके आदमखोर के हमले बदस्तूर जारी हैं. जिले के तीन थाना कैसरगंज, बौंडी व फखरपुर के सीमावर्ती पंद्रह किलोमीटर एरिया अंतर्गत एक दर्जन गांव व मजरे ऐसे हैं जहां आदमखोर भेड़ियों का सर्वाधिक आतंक देखने को मिला है. कैसरगंज थाना क्षेत्र के मँझारा तौकली व गोड़हिया नंबर एक दो व तीन ,बौंडी का बहोरवा ,फखरपुर के उमरी दहलो व रसूलपुर दरेहटा गांव व उसमें शामिल मजरे हैं जहां लगाताप घटनाएं सामने आई है.
क्या कहते हैं क्षेत्रीय रेंजर वन विभाग ओंकार यादव?
क्षेत्रीय वन विभाग के रेंजर ओंकार यादव ने बताया कि आज सुबह बच्चे को घर के बरामदे में उसकी मां दूध पिला रही थी इसी बीच बच्चे को लेकर कोई अज्ञात वन्य जीव चला गया है. जिसको खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक उसे ढूंढा नहीं जा सका है.
क्या कहते हैं डीएफओ राम सिंह यादव?
बहराइच फॉरेस्ट डिवीजन के डीएफओ राम सिंह ने बताया कि आज सुबह रसूलपुर दरेहटा गांव में यह घटना सामने आई है . यहां एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ रहती है. उसका पति बाहर रह कर मजदूरी करता है. घर के कमरों में जानवर का भूसा भरा है. आज सुबह वह महिला घर के बरामदे में अपने बच्चों के साथ सोई हुई थी. इसी बीच सुबह करीब साढ़े चार बजे उसके तीन वर्ष के बच्चे को वन्य जीव उठकर ले गया. चूंकि सुबह कोहरा काफी था जिससे उसे खोजने में परेशानी हुई. आज दिन में मासूम का शव बरामद हुआ है शव को देखने से स्पष्ट है कि यह घटना भेड़िए द्वारा कारित की गई है.
उन्होंने बताया कि इसे पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है. अब तक भेड़िए के हमले में दस मासूमों समेत कुल बारह मौतें हुई हैं. वन विभाग ने अब तक छह भेड़ियों को गोली मारकर समाप्त किया है. अभी भी दो तीन ऐसे भेड़िए हैं जो उस ग्रुप के हैं जो इन घटनाओं को कर रहे हैं उनकी तलाश की जा रही है.