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अयोध्या के राम मंदिर को कैसे घर-घर तक पहुंचाने की हो रही तैयारी, इस रिपोर्ट में जानिए

भगवान राम इस देश की मिट्टी का प्रतीक हैं, आस्था का प्रतीक हैं और इस देश की संस्कृति का प्रतीक हैं. राम जन-जन के हैं और उन्हें किसी धर्म, जाति, क्षेत्र के दायरे में देखना किसी भी तरह से सही नहीं होगा. इस बात की जीती-जागती गवाही हमें यहां सहारनपुर में देखने को मिली.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

कहते हैं कण-कण में राम हैं... तो उसी तर्ज़ पर अब घर-घर में राम मंदिर होगा. राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है, लेकिन हम आपको ऐसा राम मंदिर दिखा रहे हैं जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में तैयार हो रहा है. अयोध्या के राम मंदिर को देखने के लिए जहां दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं, तो वहीं सहारनपुर के राम मंदिर को घर-घर में प्रतिष्ठित करने की होड़ लग रही है. जी हां सहारनपुर का ये राम मंदिर महज़ 4 इंच से लेकर 18 इंच का है, जो लकड़ी पर कलाकारी का नायाब नमूना है. बिलकुल अयोध्या के राम मंदिर की तरह बने इस छोटे से राम मंदिर के लिए देश भर से डिमांड आ रही है, जिसे पूरा करने में यहां के कलाकार जुटे हैं.

भगवान राम इस देश की मिट्टी का प्रतीक हैं, आस्था का प्रतीक हैं और इस देश की संस्कृति का प्रतीक हैं. राम जन-जन के हैं और उन्हें किसी धर्म, जाति, क्षेत्र के दायरे में देखना किसी भी तरह से सही नहीं होगा. इस बात की जीती-जागती गवाही हमें यहां सहारनपुर में देखने को मिली.

सहारनपुर दुनियाभर में लकड़ी के फर्नीचर और कला के लिए जाना जाता है. लेकिन इन दिनों ये बाजार राम मंदिर के रेप्लिका के लिए जाना जा रहा है. हर दुकान पर आपको राम मंदिर रेप्लिका बिकता हुई नजर आ जायेगी.

रेप्लिका की डिमांड इतनी है कि देश के हर राज्य से कस्टमर मार्केट में आ रहे है. विदेशों से भी लोगों को डिमांड आ रही है. हर कोई अपने घर में राम मंदिर को रखना चाह रहा है.

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कारीगर ने की दिन रात मेहनत
राम मंदिर की रेप्लिका को तैयार करने के लिए मुस्लिम कारीगर दिन रात मेहनत कर रहे हैं. रेप्लिका तैयार कर रहे शारूख का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर
बनने से उनका रोजगार बढ़ रहा है.

कैसे तैयार होता है ये मंदिर
नमन गुप्ता बताते हैं कि किस तरीके से इन राम मंदिरों को तैयार किया जाता है. 4 इंच से लेकर 18 इंच तक आपको ये राम मंदिर मिल जाएंगे. मंदिरों को लकड़ी के बोर्ड से तैयार किया जा रहा है दिन-रात मशीनों के जरिए उनके अलग-अलग पार्ट्स तैयार किए जाते हैं और उनको पेस्ट किया जाता है. एक दिन लगभग 5 से 10 हजार के आसपास राम मंदिरों को तैयार किया जाता है. साथ ही उनकी पैकिंग की जाती है. 

नमन बताते हैं कि इन राम मंदिरों को तैयार करने के लिए एक दर्जन से ज्यादा कारीगर काम कर रहे हैं. रोजाना बल्क में आर्डर मिल रहे हैं. इन छोटे से राम मंदिरों की डिमांड इस कदर है कि ऑर्डर भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

आगे और ऑर्डर आने की उम्मीद
गर्ग के मुताबिक मंदिर की डिमांड इस कदर है कि वह अभी कोई आर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऑर्डर अयोध्या से दिल्ली से मध्यप्रदेश, राजस्थान से सब जगह से आ रहे हैं. यही नहीं बड़े-बड़े नेता इनको ऑर्डर दे रहे हैं. इससे कॉरपोरेट सेक्टर इंटरनेशन क्लाइंट के लिए इसका ऑर्डर दे रहे हैं. हकीकत ये है कि राम मंदिर घर घर तक पहुंच सके. आगे भी उनको इस कारोबार से काफी उम्मीद है. अभी तो शुरुआत है आगे और ऑर्डर मिलेंगे.

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