उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका ताजा उदाहरण बबेरू तहसील में देखने को मिला. यहां एक किसान को अपनी जमीन की पैमाइस कराने के लिए तीन महीने तक राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) के चक्कर काटने पड़े. मामला धौसड गांव निवासी किसान अवधेश पुत्र राधेश्याम का है, जो खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है.
जानकारी के मुताबिक, किसान अपने पड़ोसी से जमीन विवाद के चलते वह अपनी भूमि की नाप करवाना चाहता था. सरकारी निर्देशों के तहत राजस्व विभाग को किसान की शिकायत पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन राजस्व निरीक्षक ने काम करने के लिए 8 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. किसान के इनकार करने पर निरीक्षक ने जानबूझकर उसे महीनों तक दौड़ाया और उसकी सुनवाई नहीं की गई.
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हताश होकर किसान ने भ्रष्टाचार से लड़ने की ठान ली और सीधे एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया. किसान की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और ट्रैप ऑपरेशन के दौरान राजस्व निरीक्षक को 8 हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसे थाना ले जाकर मुकदमा दर्ज किया गया और जेल भेज दिया गया.
यह कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी राकेश सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत मिलते ही टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी निरीक्षक को पकड़ा. फिलहाल आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है. किसान अवधेश का कहना है कि अब उसे न्याय मिला है. यह कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी साबित हो सकती है.