यूपी में अलीगढ़ जिला प्रशासन ने सभी मदरसा शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है. अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला प्रदेश सरकार के निर्देश पर लिया गया है. जिला मजिस्ट्रेट संजीव रंजन ने बताया कि अब मदरसा शिक्षकों की सैलरी उनके बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर ही जारी की जाएगी.
एजेंसी के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम का उद्देश्य शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना और पारदर्शिता बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था लागू हो जाने से यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक अपनी ड्यूटी समय पर निभाएं और किसी प्रकार की उपस्थिति में गड़बड़ी न हो.
अलीगढ़ जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि मदरसों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की यह व्यवस्था सभी सरकारी और रजिस्टर्ड मदरसों पर लागू होगी. शिक्षक अब उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीनों का उपयोग करेंगे, जिसमें फिंगरप्रिंट या आईडी कार्ड आधारित लॉगिन शामिल हो सकता है.
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अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से प्रशासन को शिक्षकों की उपस्थिति और कार्य की निगरानी में आसानी होगी. एक सवाल के जवाब में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिले में गैर-कानूनी मदरसों की पहचान करने का काम अभी रुका हुआ है. अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन वाले मदरसों की जांच फिर से कब शुरू होगी.
इस तरह की पहल से न केवल मदरसा शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि छात्रों को समय पर शिक्षण सामग्री और शिक्षा मिले. जिला प्रशासन ने सभी मदरसों से अनुरोध किया है कि वे इस नए सिस्टम को पूरी तरह अपनाएं और किसी प्रकार की अनियमितता न होने दें.