शरीर के वजन को कम करके गठिया रोग से पीड़ित मरीजों के लक्षण में कमी लाई जा सकती है. एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है. 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन अकेडमी ऑफ ओर्थोपेडिक सर्जन (जेएएओएस)' के 2013 के मार्च अंक में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार मोटापा वास्तव में शरीर के जैवरसायन तथा ज्वलनकारी परिवर्तनों को तेज कर सकता है जिसके कारण गठिया रोग पैदा होता है.
माउंड वेरनन स्थित स्कागिट रीजनल क्लिनिक्स में ओर्थोपेडिक सर्जन एवं एमडी तथा साहित्य समीक्षा के लेखक रयान सी. कून्स ने कहा, ‘मोटाप तथा गठिया रोग के बीच सीधा संबंध है. यह संबंध जैवरसायन कारणों से भी जुड़ा है तथा प्रणालीगत कारणों से भी. हालांकि प्रणालीगत तत्व ज्यादा प्रभावी लग रहे हैं.’
लेख के अनुसार खतरे के तत्व के रूप में यदि मोटापा खत्म कर दिया जाए तो अमेरिका में घुटने की गठिया रोग के मामले को आधा किया जा सकता है.