पाकिस्तान में हाल ही में कई सफाईकर्मियों की मौत हुई. ये सफाईकर्मी सीवर में उतर कर शहर की गंदगी साफ करते थे. सफाईकर्मियों की कमी हुई तो पाकिस्तान के विभिन्न शहरों की नगरपालिकाएं अब सफाईकर्मी खोज रही हैं जो एक विशेष धर्म का होना चाहिए. पाकिस्तान में धर्मांतरण करने वाले अल्पसंख्यकों को गटर साफ करने के लिए रखा जाता है. कई सालों से धर्मांतरण करने वाले लोगों से ही गटर की सफाई का काम कराया जा रहा है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाएं अक्सर होती हैं. नालियों और सीवरों की सफाई का काम अधिकतर अल्पसंख्यकों को सौंपा गया है. इनमें से ज्यादातर वो हैं जो कन्वर्टेड अल्पसंख्यक हैं. यानी पहले किसी और धर्म में थे लेकिन अब ईसाई हैं.
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हैरान करने वाली बात तो ये हैं कि सीवर की सफाई के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती. न्यूयॉर्क टाइम्स को सफाईकर्मी जमशेद एरिक ने बताया कि हम नंगे हाथों से सीवर की सफाई करते हैं. हमारे पास सुरक्षा उपकरण तो छोड़ दीजिए. दस्ताने और जूते तक नहीं हैं.
A recent spate of deaths among Christian sewer cleaners in Pakistan underscores how the caste discrimination that once governed the Indian subcontinent’s Hindus continues to linger, no matter the religion https://t.co/eKuZ0tGHA6
— New York Times World (@nytimesworld) May 4, 2020
एरिक ने बताया कि जब वह इन गहरे सीवरों में घुसते हैं तो कई बार कीड़ों, कॉक्रोच से घिर जाते हैं. लेकिन क्या करें उन्हें वही काम करना है. वे प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि सही सलामत रहें. हमारा काम बेहद खतरनाक है. सीवर के अंदर गंदी गैस सूंघने को मिलती है. कीचड़ में सन जाते हैं. कोई मास्क तक नहीं मिलता.
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एरिक ने बताया कि पूरे दिन काम करने के बाद जब घर पहुंचता हूं तो शरीर से नहाने के बाद भी गटर की बदबू नहीं जाती. जब खाना खाने के लिए हाथों को मुंह के पास ले जाता हूं, तो उसमें से गटर की दुर्गंध आती है.
पाकिस्तान में ईसाई सफाईकर्मियों की हुई मौत इस बात को बताती है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह का भेदभाव हो रहा है. इसीलिए, एरिक के पूर्वज सदियों पहले ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के बावजूद गटर में उतरने का काम कर रहे हैं. सोचा था धर्म परिवर्तन की वजह से इस काम से बच जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
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पिछले साल जुलाई में, पाकिस्तानी सेना ने सीवर की सफाई करने वाले कर्मियों के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए, जिसमें केवल ईसाई आवेदन कर सकते थे. जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया तो इसे वापस ले लिया गया. लेकिन पाकिस्तान में नगरपालिकाएं एरिक जैसे ईसाई सफाईकर्मियों पर निर्भर हैं. इन्हें तीन सीवर साफ करने के लिए दिन भर में 400 रुपए दिए जाते हैं.