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सच में होते हैं खून चूसने वाले 'वैम्पायर'? महिला का दावा- इन्होंने बना रखी है सीक्रेट सोसाइटी

खून पीने वाले वैम्पायर के अस्तित्व को लेकर अक्सर कई तरह की कहानियां कही-सुनी जाती हैं. कहा जाता है कि असल जिंदगी में भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो वैम्पायर की तरह लोगों का खून पीते हैं और इनकी एक अलग सीक्रेट सोसाइटी है.

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क्या सच में होती है सीक्रेट वैम्पायर सोसाइटी
क्या सच में होती है सीक्रेट वैम्पायर सोसाइटी

सदियों से वैम्पायरों की कहानियां लोगों को आकर्षित करती रही हैं. प्राचीन लोककथाओं से लेकर आधुनिक पॉप संस्कृति तक, खून पीने वाले प्राणियों की छवि ने एक रहस्यमयी और रोमांटिक आकर्षण बना रखा है. वैम्पायर की दुनिया के प्रति सम्मोहन की ऐसी ही एक कहानी  सिडनी की एक युवती, क्रिस्टल (बदला हुआ नाम)से भी जुड़ा है. 

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न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार क्रिस्टल का दावा है कि वह एक गुप्त वैम्पायर कोर्ट का शिकार बनी, जिसने उसकी सहमति के बिना उसका रक्त लिया और उसे एक ऐसी दुनिया में खींच लिया, जिसे वह कभी नहीं समझ सकी.क्रिस्टल की कहानी 18 साल की उम्र में शुरू होती है, जब उसे सिडनी के समृद्ध उपनगर वौक्लूस में एक भव्य हवेली में आयोजित एक पार्टी में आमंत्रित किया गया.

लड़की ने किया वैम्पायर सोसाइटी की पार्टी में जाने का दावा
गॉथिक संस्कृति की ओर आकर्षित क्रिस्टल को यह निमंत्रण रोमांचक लगा. हवेली उनके एक मित्र के पिता की थी, जो एक नर्स थे. पार्टी में क्रिस्टल ने खुद को प्रभावशाली और रहस्यमयी लोगों के बीच पाया. वहां मौजूद लोग, जिनमें याकूजा और ट्रायड्स जैसे कथित माफिया समूहों के सदस्य शामिल थे, खुलेआम अपनी पहचान का बता रहे थे. क्रिस्टल ने बताया कि वे सभी सूट पहने हुए थे .

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लोगों ने उसका खून पीया
पार्टी में क्रिस्टल को एक गिलास शैंपेन दी गई. उसे पीते ही वह बेहोश हो गई. जब वह जागी, तो उसे चक्कर आ रहे थे और उसकी गर्दन व हाथों पर "लव बाइट्स" जैसे निशान थे. उसे संदेह है कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया था. इससे पहले कि वह वहां से निकल पाती, उसे बताया गया कि वह एक "वायरस" से संक्रमित हो चुकी है. डर और भ्रम में डूबी, क्रिस्टल ने इस घटना की शिकायत पुलिस से नहीं की.

वैम्पायर कोर्ट का दिखा अंधेरा चेहरा
क्रिस्टल का यह अनुभव केवल शुरुआत थी. न्यूकैसल  में व्यवसाय की पढ़ाई के लिए जाने के बाद, वह एक स्थानीय वैम्पायर कोर्ट के संपर्क में आई. यह कोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा था, जो गुप्त रूप से ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय था. शुरू में सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन जल्द ही चीजें भयावह हो गईं. एक रात, ग्रुप ने क्रिस्टल पर लाल शराब की तरह दिखने वाला एक पेय पीने का दबाव डाला. बाद में पता चला कि यह मानव रक्त था.

ऐसे बनी सीक्रेट वैम्पायर सोसाइटी की सदस्य
उस पार्टी में उससे कहा गया कि हमारे साथ जुड़ने का समय आ गया है. तुम इस सोसायटी को चुन नहीं सकती, यह तुम्हें चुनती है. क्रिस्टल ने उनकी बात मान ली. लेकिन कोर्ट की मांगें और सख्त हो गईं। एक अन्य रात, वह अपनी कलाई पर चोट के निशान के साथ जागी. उसे विश्वास है कि सोते समय कोर्ट के सदस्यों ने उसका रक्त लिया था. डर के कारण उसने इस बारे में चुप्पी साध ली, क्योंकि कोर्ट में डॉक्टर, नर्स, व्यवसायी और संगीतकार जैसे प्रभावशाली लोग शामिल थे. क्रिस्टल कहती हैं कि ऐसी गुप्स सोसाइटी के सदस्य बाहर से वे सामान्य जीवन जीते हैं, लेकिन यह सब बहुत गोपनीय है.

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क्या है सीक्रेट वैम्पायर समुदाय
आधुनिक समाज में, जहां विज्ञान और तर्क का बोलबाला है, वहां एक ऐसी गुप्त दुनिया भी मौजूद है जो रहस्य और आकर्षण से भरी है. इसे रियल-लाइफ वैम्पायर्स की दुनिया कहा जाता है, जहां लोग स्वयं को वैम्पायर के रूप में पहचानते हैं और एक ऐसी जीवनशैली अपनाते हैं जो सामान्य सामाजिक मानदंडों से परे है.ये लोग वैम्पायर मिथकों और पॉप कल्चर से प्रेरित होकर एक वैकल्पिक जीवनशैली अपनाते हैं. 

सर्जरी के जरिए बनवा लेते हैं वैम्पायर जैसे नुकीले दांत
ऐसे लोग  केवल कॉस्ट्यूम पहनने या सर्जरी करवाकर नुकीले दांत रखने तक ही  सीमित नहीं होते हैं. कई सदस्य मानते हैं कि उनकी शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक सेहत के लिए मानव रक्त का सेवन ऊर्जा देने जैसा होता है. इस सीक्रेट वैम्पायर सोसाइटी  में  शामिल लोग  सामान्य जीवन जीते हैं. नौकरी करते हैं, परिवार चलाते हैं, और समाज में घुल-मिल जाते हैं.

ब्लड डिसॉर्डर की समस्या से जुड़ा है सीक्रेट वैम्पायर समुदाय 
दरअसल,  वैम्पायर सीक्रेट सोसाइटी के लोग एक ब्लड डिसॉर्डर की समस्या से पीड़ित होते हैं. ये खुद को वैम्पायर की तरह मानते हैं और खून पीने से ऊर्जा का अनुभव करते हैं. ये एक दुर्लभ रक्त विकार है. हालांकि, इससे ज्यादा ये सिर्फ एक मानसिक सनक होती है. सीक्रेट वैम्पायर जैसी जगह ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थान प्रदान करता है जो मुख्यधारा में खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं. 

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कुछ लोग खुलकर अपनाते हैं ऐसा जीवन
कुछ लोग, जैसे सिडनी के डॉन जेसन, इस जीवनशैली को गर्व से अपनाते हैं. जेसन, जो सिडनी वैम्पायर्स मीटअप ग्रुप चलाते हैं, का दावा है कि वह पोरफाइरिया नामक एक दुर्लभ रक्त विकार से पीड़ित हैं, जो उनकी रक्त की आवश्यकता को बढ़ाता है. वह केवल सहमति देने वाली महिला डोनर्स से रक्त लेते हैं, और उनका कहना है कि यह प्रक्रिया डोनर्स के लिए भी आनंददायक होती है.

नियंत्रित तरीके से रक्तपान का दावा
सीक्रेट वैम्पायर समुदाय में मानसिक रूप से इसके आकर्षण से सम्मोहित और रक्त विकार की समस्या से जूझ रहे लोग नियंत्रित और नैतिक प्रक्रिया से रक्तपान करते हैं. डॉन जेसन के अनुसार डोनर्स स्वेच्छा से रक्त देते हैं, और दोनों पक्ष चिकित्सा परीक्षणों से गुजरते हैं. हालांकि, क्रिस्टल जैसे अनुभव इस समुदाय के अंधेरे पक्ष को उजागर करते हैं, जहां सहमति की अनदेखी की जाती है.

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