इंग्लैंड के लीड्स में देह व्यापार का एक बड़ा रैकेट चल रहा था. इस रैकेट को सिर्फ एक कपल चला रहे थे. पति-पत्नी मिलकर लड़कियों को तरह-तरह से बहला-फुसलाकर रोमानिया से इंग्लैंड लाता था. फिर, डरा-धमकाकर और ब्लैकमेल कर उनसे देह व्यवापार कराता था.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी पति-पत्नी ने लीड्स क्राउन कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बताया कि तस्करी कर लाई गई एक महिला को एक दिन में 8 क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था.
रोमानिया से तस्करी कर लाई जाती थीं युवतियां
आरोपी कॉस्टेल टैम्बक और मारियाना इओवा ने रोमानिया से तस्करी करके लाई गई महिलाओं से उनके मोबाइल फोन और पहचान पत्र ले लिए थे और जबरन उनसे काम करवाते थे.
लीड्स में युवतियों को देह व्यापार के लिए मजबूर करने वाले एक इस कपल को अब जेल भेज दिया गया है. लीड्स क्राउन कोर्ट को शुक्रवार को बताया गया कि 50 वर्षीय कोस्टेल टैम्बक और उसकी साथी 35 वर्षीय मारियाना इओवा ने रोमानिया से तस्करी करके गुलाम बनाई गई महिलाओं से मोबाइल फोन और पहचान दस्तावेज जब्त कर लिए थे.
नौकरी का झांसा देकर महिलाओं को फंसाते थे
अभियोजक कॉनर क्विन ने अदालत को बताया कि कैसे एक महिला, जो मात्र 19 वर्ष की थी, उसे 2016 में फेसबुक पर जॉब देने का वादा करने वाला एक संदेश भेजा गया. इसके बाद उसे यूनाइटेड किंगडम जाने वाली एक मिनीबस में बिठाया गया था. कपल महिलाओं को अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाता था.
लीड्स लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय 25 वर्ष की एक अन्य महिला को एक व्यक्ति ने बस पर बैठाकर लीड्स भेजा था. उस शख्स पर उसे विश्वास था कि वह उससे प्यार करता है. अभियोजक क्विन ने बताया कि मिनी बस दोनों महिलाओं को वॉल्वरहैम्प्टन में कपल के घर ले गई.
लड़कियों को लाने वालों को मिलता था कैश
वहां पहुंचने पर, टैम्बक ने तस्कर को कैश भुगतान किया, जिसने उन्हें वहां पहुंचाया था. आगे की घटनाओं का संकेत देते हुए, उसने पहली लड़की से पूछा कि क्या उसने ग्राहकों को प्रभावित करने के लिए सुंदर कपड़े खरीदे हैं. फिर उसके मोबाइल फोन तोड़ दिए गए.
महिलाओं की होती थी पिटाई
इसके बाद आयोवा ने दूसरी लड़की का पहचान पत्र अपने कब्ज़े में ले लिया. अभियुक्तों के घर पर पहले से ही कुछ और युवतियां मौजूद थीं और उन दोनों को इन महिलाओं के साथ वहां जिस्मफरोशी करने के लिए कहा गया. उन्हें धमकाया गया और कॉस्टेल टैम्बक ने ख़ास तौर पर उन्हें पीटा.
अदालत को बताया गया कि महिलाओं को प्रतिदिन छह से आठ ग्राहकों को खुश करना होता था. उन्हें बार-बार टैम्बक और आयोवा द्वारा लीड्स, नॉटिंघम, ओल्डहैम और लिवरपूल भेजा जाता था. महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे भी नहीं मिलते थे, वो पेमेंट सीधे पति-पत्नी को जाता था.
महिलाओं की सर्विस के लिए देता था विज्ञापन
अदालत को बताया गया कि अपराध की पूरी अवधि के दौरान आयोवा ने वेबसाइटों पर अपने अधीन काम करने वाली महिलाओं के विज्ञापनों पर 30,000 पाउंड खर्च किए.ऐसा सुना गया कि एक पीड़िता एक ग्राहक की सहायता से टैम्बक और आयोवा के नियंत्रण से मुक्त होने में सफल रही.
ऑस्ट्रेलिया से गिरफ्तार हुआ कपल
2018 में, टैम्बक और आयोवा जांच के दौरान ही ब्रिटेन से फरार हो गए थे. अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के बाद दोनों को एम्स्टर्डम में ढूंढ निकाला, जहां उन्हें इस वर्ष के शुरू में हिरासत में लिया गया और वापस ब्रिटेन प्रत्यर्पित कर दिया गया.
इसके बाद लीड्स क्राउन कोर्ट में जूरी द्वारा टैम्बक और आयोवा को आधुनिक दासता अधिनियम 2015 के तहत एक महिला पीड़िता के यौन शोषण के दो मामलों में तथा यौन अपराध अधिनियम 2003 की धारा 53 के तहत जिस्मफरोशी के लिए मजबूर करने के दो मामलों में दोषी ठहराया गया. अदालत ने टैम्बक को नौ वर्ष तथा आयोवा को आठ वर्ष की कैद की सजा सुनाई.