अफजल गुरु संसद पर आतंकी हमले की साजिश रचने का दोषी है. उसे 7 साल पहले फांसी की सजा मिली थी. लेकिन वो अभी तक जेल में राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार कर रहा है. करीब 11 साल होने को आए लेकिन संसद पर आतंकी हमले का दोषी अफजल गुरु आज भी जिंदा है. उसकी फांसी का मामला राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने भी फांसी के इस मामले से दूरी बनाकर रखी.
सूचना के अधिकार के तहत मिली एक जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 39 दया याचिकाओं पर अपना फैसला दिया लेकिन अफजल गुरु के केस को छुआ तक भी नहीं. जबकि अफजल गुरु की याचिका के बाद आईं 13 दया याचिकाओं पर भी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने अपना फैसला सुना दिया.
यानी अफजल गुरु की दया याचिका का केस नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास आएगा और अफजल ही नहीं बल्कि ग्यारह केस की दया याचिकाएं राष्ट्रपति की मेज पर रखी हैं. जिसमें से एक अफजल गुरु की है.
राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब मुखर्जी को 11 केस की दया याचिकाओं पर फैसला लेना हैः
1. अफजल गुरु
संसद हमले में फांसी की सजा
2. गुरमीत सिंह
एक परिवार के 13 लोगों की हत्या में फांसी
3. धर्मपाल
रेप के पांच आरोपियों की हत्या में फांसी
4. सुरेश और रामजी
एक परिवार के पांच लोगों की हत्या में फांसी
5. सिमोन और ज्ञानप्रकाश
22 पुलिसवालों की हत्या में फांसी
6. प्रवीण कुमार
एक परिवार के चार लोगों की हत्या में फांसी
7. साईबाना निगप्पा
पत्नी और बेटी की हत्या में फांसी
8. जफर अली
पत्नी और 5 बेटियों की हत्या में फांसी
9. सोनिया और संजीव
सौतेले भाई और उसके परिवार की हत्या में फांसी
10. सुंदर सिंह
बलात्कार और हत्या के केस में फांसी
11. अतबीर
सौतेली मां और उसके दो बेटों की हत्या में फांसी
जाहिर है कि इन तमाम मामलों में सिर्फ अफजल गुरु का केस ही ऐसा है, जिस पर फैसला लेने से प्रतिभा पाटील बचीं. लेकिन अब ये मामला प्रणब दा के पाले में आने वाला है. इसलिए उनके बेटे के साथ-साथ शिवसेना को भी उम्मीद है कि अब अफजल की फांसी पर जल्द ही कोई फैसला होगा.