पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की. इस मिशन को नाम दिया गया-ऑपरेशन सिंदूर. भारतीय सेना ने इस मिशन की पहली आधिकारिक जानकारी एक प्रतीकात्मक तस्वीर के जरिए दी, जिसमें ‘सिंदूर’ दिखाया गया.
'सिंदूर', भारतीय परंपरा में विवाहित हिंदू महिलाओं का मंगलचिह्न है, लेकिन इस नाम के पीछे एक और गहरा संदेश छिपा है. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया, जिनमें न्यूली मैरिड कपल कपल भी शामिल थे.
और आज, ठीक 15 दिन बाद, भारतीय सेना ने इस जख्म का जवाब दिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’-एक ऐसा मिशन जो सिर्फ दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने का नाम नहीं, बल्कि उन हर आंसुओं का हिसाब था जो पहलगाम की वादियों में गिरे थे.
सिंदूर सिर्फ सौभाग्य नहीं, बलिदान की भी निशानी
कहा जाता है सिंदूर न सिर्फ विवाह का प्रतीक है, बल्कि योद्धाओं के लिए यह शौर्य और बलिदान का प्रतीक भी रहा है. माथे पर लगा सिंदूर तिलक युद्धभूमि में गर्व और प्रतिशोध का चिह्न बन जाता है.सिंदूर सिर्फ सौभाग्य की नहीं, बलिदान की भी निशानी है.
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम देना सिर्फ सैन्य रणनीति नहीं थी. यह उन सभी महिलाओं को सम्मान देने की कोशिश थी, जिनकी जिंदगी एक पल में उजड़ गई.
आइए जानते हैं उन औरतों की कहानी, जिनका सिंदूर पहलगाम में मिटा… और जिनके आंसुओं का हिसाब आज 'ऑपरेशन सिंदूर' ने चुकता किया है.
हिमांशी नरवाल (हरियाणा)
नई-नवेली दुल्हन हिमांशी के पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अपनी हनीमून ट्रिप पर थे जब आतंकी हमला हुआ. शादी को सिर्फ 6 दिन हुए थे. 16 अप्रैल 2025 को उन्होंने सात फेरे लिए थे.अपने पहले बयान में हिमांशी ने शांति की अपील की थी जिसमें कहा था किसी से नफरत न हो, बस अमन बना रहे.
यह भी पढ़ें: 'बेटी बार-बार पूछ रही थी, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया जवाब...' एयर स्ट्राइक के बाद बोले हिमांशी नरवाल के पिता
ऐशान्या द्विवेदी (उत्तर प्रदेश)
शुभम द्विवेदी की पत्नी, जिनकी शादी को सिर्फ दो महीने हुए थे. वह कश्मीर घूमने आए थे जब उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया.
शीतल कलाठिया (सूरत, गुजरात)
शीतल, सूरत (गुजरात) के एक बैंककर्मी शैलेश कलाठिया की पत्नी थीं. उनका परिवार पहलगाम की वादियों में जन्मदिन मनाने गया था. परिवार खुशियों के पल बिता ही रहा था कि अचानक आतंकियों ने मैदान में हमला कर दिया. शीतल की आंखों के सामने उनके पति शैलेश को गोलियों से छलनी कर दिया गया.
सोहिनी अधिकारी (कोलकाता)
सोहिनी, कोलकाता के आईटी प्रोफेशनल बितन अधिकारी की पत्नी हैं. बितन अमेरिका में काम करते थे और छुट्टियों पर भारत लौटे थे. 22 अप्रैल को उन्होंने कश्मीर की खूबसूरत वादियों में आए.सोहिनी, बितन और उनका साढ़े तीन साल का बेटा ह्रिदान, पहलगाम के एक घास के मैदान में थे, जब आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.बितन को आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया, और यह सब उनके बेटे की आंखों के सामने हुआ.
काजलबेन परमार (भावनगर, गुजरात)
काजलबेन के पति यतिषभाई परमार, जो भाननगर (गुजरात) में एक सैलून चलाते थे. अपने परिवार के साथ कश्मीर यात्रा पर गए थे. इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने श्रीनगर में आध्यात्मिक नेता मोरेरी बापू की राम कथा में हिस्सा लेकर की थी.आतंकियों ने काजलबेन के सामने उनकी पति को गोलियों से छलनी किया.
प्रगति जगदाले (पुणे, महाराष्ट्र)
प्रगति जगदले, महाराष्ट्र के पुणे से हैं. उनके पति संतोष जगदले को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में मौत के घाट उतार दिया गया. संतोष का परिवार पुणे से था, और वह अपनी पत्नी और कन्या असावरी के साथ कश्मीर में छुट्टियां मना रहे थे, जब उनकी खुशियां हिंसा की शिकार हो गईं.
शीला रामचंद्रन (कोच्चि, केरल)
पति एन रामचंद्रन को खोने का गम लिए जी रही हैं शीला, जो अपने पोते-पोतियों के सामने गोली का शिकार बने.
जेनिफर नाथानिएल (इंदौर, एमपी)
जेनिफर नाथनियल और उनके पति सुषिल नाथनियल, जो इंदौर (मध्य प्रदेश) में LIC ब्रांच मैनेजर थे. अपने परिवार के साथ कश्मीर में अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने गए थे. उनके साथ उनकी 30 साल की बेटी आकांक्षा और 21 वर्षीय बेटा ऑस्टिन भी थे. सुषिल ने अपनी पत्नी को छिपने के लिए कहा और खुद गनमैन का सामना अकेले किया. उनका साहस और बलिदान उस पल में बेजोड़ था, और आखिरकार उन्होंने अपनी जान गंवा दी.
जया मिश्रा (बिहार)
जयामिश्रा अपने पति मनीष रंजन मिश्रा, जो भारतीय खुफिया ब्यूरो (IB) के 42 साल के अधिकारी थे.परिवार कश्मीर छुट्टियों पर गया था. जयामिश्रा सामने मनीष को आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया.