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88 साल बाद बदला गया संभाजी बीड़ी का नाम, अब इस नाम से होगी पहचान

पुणे में लगभग 88 वर्षों से संभाजी बीड़ी के नाम से वितरित की जाने वाली बीड़ी का नाम बदल दिया गया है. अब से, यह उत्पादन साबले बीड़ी के नाम से बाजार में उपलब्ध होगा.

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आखिरकार 88 साल बाद संभाजी बीड़ी का नाम बदला गया.
आखिरकार 88 साल बाद संभाजी बीड़ी का नाम बदला गया.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिव प्रेमियों की मांग को कंपनी ने समर्थन दिया
  • शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने की थी नाम को बदलने की मांग
  • अब संभाजी बीड़ी का नाम साबले बीड़ी होगा

शिवभक्तों और संगठनों की मांग के बाद आखिरकार 88 साल बाद संभाजी बीड़ी का नाम बदल दिया गया है. शिव प्रेमियों की मांग को कंपनी ने समर्थन दे दिया है. अब संभाजी बीड़ी का नाम साबले बिड़ी होगा.  

महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने पर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और शिवसेना में नोकझोंक हो रही है. इसी बीच, पुणे में लगभग 88 वर्षों से संभाजी बीड़ी के नाम से वितरित की जाने वाली बीड़ी का नाम बदल दिया गया है. अब से, यह उत्पादन साबले बीड़ी के नाम से बाजार में उपलब्ध होगा.

पुणे के साबले वाघिरे ग्रुप बीड़ी का उत्पादन कर रहा है. कंपनी ने 88 वर्ष पहले संभाजी महाराज के नाम पर संभाजी बीड़ी का नाम रखा था. राज्य के सभी शिवप्रेमियों के आंदोलन के बाद कंपनी ने बीड़ी का नाम बदलने की घोषणा की थी. विशेष रूप से, शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने इस बीड़ी के नाम को बदलने की मांग के लिए पुरंदर किले के तल पर अनशन आंदोलन किया था.

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जानकारी के मुताबिक, आंदोलनकारियों की मांग थी कि संभाजी बीड़ी के नाम से धूम्रपान करने वाले उत्पादन होने से संभाजी महाराज का अपमान हो रहा है. इसलिए तुरंत बीड़ी का नाम बदला जाए. इस मांग को लेकर महाराष्ट्र में कई संगठनों ने आंदोलन भी किया था.

साबले वाघिरे कंपनी ने तब बीड़ी का नाम बदलने के अपने निर्णय की घोषणा की थी, जिसके बाद, इस बीड़ी का नाम बदलकर साबले बीड़ी रखा गया है. वहीं, शिवधर्म फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक काटे ने कहा कि यह सभी शिवप्रेमियों की जीत है.

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