वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, औसत सैलरी के मामले में भारतीय दुनिया में 62वें स्थान पर हैं. भारत में लोगों की मंथली एवरेज सैलरी 598 डॉलर यानी करीब 50,000 रुपये है. इस आंकड़े का अगर मायने निकालें तो साफ है कि सैलरी के मामले में भारतीय काफी पीछे हैं. बेरोजगारी एक आम समस्या है, लेकिन ऐसे वक्त में अगर कोई कहे कि सालाना 25 लाख की सैलरी भी काफी नहीं है, तो सोशल मीडिया पर बहस तो छिड़नी ही है, और ऐसा हुआ भी.
एक पोस्ट से छिड़ी बहस
यूरोप के निवेशक सौरव दत्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि आज के जमाने में 25 लाख रुपये सालाना की सैलरी कुछ भी नहीं है. साथ ही उन्होंने महीने के खर्चों का ब्योरा जारी करते हुए बताया कि महीने के अंत में निवेश करने के लिए कुछ भी नहीं बचता.
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यह एक ऐसी राय है जिस पर विवाद होना तय था, खासकर ऐसे वक्त में जब भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों, जैसे टेक महिंद्रा, टीसीएस और इंफोसिस में हजारों टेक कर्मचारियों के वेतन में ठहराव है. और इसको लेकर आईटी सेक्टर के एम्प्लॉयी में निराशा भी देखी गई है.
हैंडसम सैलरी का ख्वाब
कई लोगों ने इस पोस्ट पर रिएक्शन देते हुए कहा कि ऐसे समय में जब बड़ी आबादी का सपना सालाना 25 लाख रुपये की सैलरी पाने का होता है, लेकिन इसे हासिल करने में बहुत से लोगों को निराशा ही मिलती है. यह सच्चाई है कि भले ही टेक इंडस्ट्री में सैलरी कई गुना ज्यादा हो, अन्य सेक्टर्स में काम करने वाले लोग अभी भी बस गुजारे लायक सैलरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
'कहां मिलेगी ये ड्रीम जॉब'
सौरव दत्ता से X पर बहुत से लोगों ने पूछा की आखिर कहां मिलेगी ऐसी ड्रीम जॉब. इसका जवाब देते हुए कहा कि वह आईटी सेक्टर में कई लोगों को जानते हैं, जिन्हें पांच साल के अनुभव के बाद 30 लाख रुपये सालाना की सैलरी मिलती है,उन्होंने कहा आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि आज के जमाने में आईटी एक्सपर्ट्स ने कितनी कमाई शुरू कर दी है.