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अच्छा है IND Vs PAK मैच से पहले गिर गया... ट्विन टावर पर IAS ऑफिसर ने क्यों कही ये बात?

एक आईएएस ने ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण पर लिखा- 'पहली बार JCB की खुदाई से भी ज्यादा और कार्यक्रम में लोगों में इतना उत्साह दिख रहा है.' वहीं दूसरे ऑफिसर ने कहा- 'अच्छा है जो भारत-पाकिस्तान मैच से पहले हो रहा, नहीं तो सभी मैच की जगह नोएडा के ट्विन टॉवर को देखते.'

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Twin Towers गिराये जाने को लेकर IAS ने किया ट्वीट
Twin Towers गिराये जाने को लेकर IAS ने किया ट्वीट

नोएडा के सेक्टर-93ए में बने ट्विन टावर ध्वस्त कर दिए गए हैं. 103 मीटर ऊंचे ये टावर चंद सेकेंड में जमींदोज हो गए. ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ जमा थी. जो लोग मौके पर नहीं पहुंच सके, वो घरों से टीवी पर इस प्रक्रिया को लाइव देख रहे थे. इस कौतूहल के बीच आईएएस अधिकारियों ने ट्विटर पर मजे लिए. 

आईएएस सोमेश उपाध्याय ने ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण पर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- 'पहली बार JCB की खुदाई से भी ज्यादा और कार्यक्रम में लोगों में इतना उत्साह दिख रहा है.'  

उनके इस ट्वीट पर आईएएस अवनीश शरण ने रिप्लाई करते हुए कहा- 'अच्छा है जो भारत-पाकिस्तान मैच से पहले हो रहा, नहीं तो सभी मैच की जगह नोएडा के ट्विन टॉवर को देखते.'

IAS सोमेश के ट्वीट पर कई यूजर्स ने रिएक्ट किया है. विनीत नाम के यूजर ने लिखा- कुछ भी हो JCB तो फिर JCB ही है. वहीं, राहुल लिखते हैं- JCB की खुदाई देखने वालों के लिए ट्विन टॉवर का गिराना किसी हॉलीवुड फ़िल्म से कम नहीं है. उधर, ऋषभ नाम के यूजर ने कहा- फिर भी मैं जेसीबी की खुदाई देखने से खुद को नहीं रोक नहीं पाता. 

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सोशल मीडिया पर इससे जुड़े तमाम वीडियोज वायरल हो रहे हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि जब ये गगनचुंबी इमारत गिरी, वहां मलबे का ढेर लग गया. धुएं का जबरदस्त गुबार उठा. पूरा नजारा दिल दहला देने वाला था.  

इस तरह गिराया गया नोएडा का ट्विन टावर

बता दें कि Twin Towers के ध्वस्तीकरण के लिए 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था. आसपास के रिहायशी इलाकों को खाली कराया गया. मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था.  

भारतीय माइनिंग ब्लास्टर चेतन दत्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर आज 2.30 बजे ब्लास्ट का बटन दबाया. इसके साथ ही जोर का धमाका हुआ और इमारत नीचे समाती गई. धुंए का गुबार तेजी से दूर-दूर तक फैल गया. इस ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर पुलिस से लेकर NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद रहीं. वहीं, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर का भी इंतजाम किया गया और एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई. 

बता दें कि इन दोनों टावर्स को बनाने में करीब 300 करोड़ रुपये का खर्च आया था, जबकि इसे गिराने में करीब 17 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है. 

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