डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. उनकी आदतों के बारे में कई अजीबोगरीब और दिलचस्प बातें सामने आती रही हैं, जिन पर व्हाइट हाउस के गलियारों में हमेशा सुगबुगाहट होती है. आइए, जानते हैं उन पहलुओं को, जो दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति के बारे में कहे जाते हैं.
ट्रंप की जिंदगी में अंधविश्वास का गहरा असर है. उनके कई फैसलों में इसका साया रहता है. इसका दावा उनके पूर्व शीर्ष सलाहकार, कोरी लवांडोवस्की और डेविड बॉसी ने किया. उनकी किताब 'लेट ट्रंप बी ट्रंप: द इनसाइड स्टोरी ऑफ हिस राइज टू द प्रेसीडेंसी' में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है.
भविष्य की कल्पना से बचना
अपनी किताब में कोरी और डेविड बताते हैं कि ट्रंप कभी भविष्य के बारे में कल्पना नहीं करते, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करना बैड लक को न्योता देने जैसा होता है. यह बात तब और पुख्ता हो गई जब उन्होंने 2016 के चुनाव के नतीजों के बाद दी जाने वाली स्पीच भी तैयार नहीं की थी.
अंधविश्वास का असर यह भी था कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस ट्रांजिशन की कोई तैयारी नहीं की थी. उन्हें चुनावी जीत की संभावना नामुमकिन लगती थी, इसलिए उन्होंने ट्रांजिशन टीम को नजरअंदाज कर दिया. सत्ता संभालने की प्रक्रिया में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और सिर्फ चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित किया.
नमक का टोटका
ट्रंप के अंधविश्वास ने उनके चुनावी अभियान को गहरे रूप से प्रभावित किया. वे मानते थे कि किसी भी तरह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है. बुरी नजर से बचने के लिए वे रोजाना बाएं कंधे पर नमक फेंकते थे. ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए रोजाना अपने कंधे पर नमक फेंकने का टोटका अपनाया.
यह परंपरा कई संस्कृतियों में प्रचलित है, जिसमें माना जाता है कि बाएं कंधे पर नमक फेंकने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं और दुर्भाग्य से बचाव होता है. ट्रंप का विश्वास था कि इस टोटके से वे हर तरह की नेगेटिविटी से सेफ रह सकते हैं, जिससे उनके इलेक्शन कैंपेनिंग पर किसी तरह का बुरा असर न पड़े.
वे अक्सर उन लोगों से दूरी बना लेते थे, जिनकी वाइब्स उन्हें कम ऊर्जा वाली लगती थीं. कोरी और डेविड अपनी किताब में बताते हैं कि ट्रंप के इस व्यवहार के पीछे उनकी यह मान्यता थी कि ऐसे लोगों की ऊर्जा और वाइब्स का असर उनके भाग्य पर पड़ सकता है. इसीलिए, पूरे चुनाव अभियान के दौरान वे कम ऊर्जा वाले लोगों से विशेष दूरी बनाए रखते थे.उनके अभियान के स्टाफ को भी इन अंधविश्वासों का पालन करना पड़ता था.
अनहेल्थी फूड और अजीब आदतें
ट्रंप के अंधविश्वास और जीवनशैली का असर उनकी डाइट पर भी था. उनके डॉक्टर, डॉ. रॉनी जैक्सन ने उनकी डाइट को सुधारने के लिए ट्रंप के मैश किए आलू में फूलगोभी मिलाने जैसे कदम उठाए थे. उनकी खाने की आदतें असामान्य मानी जाती हैं.वे नाश्ता नहीं करते और दिन में 14-16 घंटे तक बिना खाए रहते हैं. उन्हें मैकडॉनल्ड्स जैसे चेन रेस्टोरेंट में खाना पसंद है, क्योंकि यहां खाना पहले से तैयार होता है. किसी को नहीं पता होता कि वे वहां आने वाले हैं. उन्हें डर था कि कहीं उन्हें जहर न दे दिया जाए.
डाइट कोक का शौक
ट्रंप चाय या कॉफी नहीं पीते थे, लेकिन दिन में 12 डाइट कोक पीने की आदत है. उनके ओवल ऑफिस की डेस्क पर एक बटन था, जिसे दबाकर वे तुरंत डाइट कोक मंगवा सकते थे.कोरी और डेविड के अनुसार, ट्रंप के राजनीतिक फैसलों से लेकर उनके व्यक्तिगत जीवन तक, अंधविश्वास उनके हर कदम पर हावी था.