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एक करोड़ रु. तक इस छिपकली का दाम, मर्दानगी का होता है इलाज

इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाने वाली इस छिपकली की कीमत एक करोड़ रुपए तक बताई जाती है.          

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

सशत्र सीमा बल (एसएसबी) की 17वीं बटालियन ने पश्चिम बंगाल में एक अभियान में 5 टोके गेको (छिपकली की एक खास प्रजाति) को जब्त किया है. इस छिपकली का इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं में किया जाता है. गीको छिपकली के मीट से डायबिटीज, नपुंसकता, एड्स और कैंसर की दवाएं बनाई जाती हैं.

सुरक्षा बलों ने टिकन बर्मन को टोके गीको के साथ गिरफ्तार किया है. टोके गीको एक दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजाति है, इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत बड़ी मांग है. इसे पकड़कर उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों से दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में अवैध तस्करी की जाती है. जहां कई लोग मानते हैं कि गेको मांस से बनी दवाईयां कई बीमारियों का इलाज कर सकती है.      

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बेहद मांग है. इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाने वाली इस छिपकली की कीमत एक करोड़ रुपए तक बताई जाती है.           

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एसएसबी भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा पर तैनात है. एसएसबी कई वन्यजीव अभयारण्य की सुरक्षा भी करती है. इन वन क्षेत्रों में कुल 120 बाहरी सीमा चौकी स्थित हैं. इसलिए तस्कर और शिकारियों से वन्य जीवों की सुरक्षा, जवानों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.

गिरफ्तार तस्कर और जब्त टोके गीको को दक्षिण रैधक के वन रेंज अधिकारियों को को सौंप दिया गया. आपको बता दें कि इस साल एसएसबी ने 65 मामलों में 75 तस्करों को गिरफ्तार किया है.

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