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अब नजरों की भाषा जानना हुआ आसान...

अब तक सिर्फ प्रेमी युगल के बीच ही निगाहों-निगाहों में बात होने के बारे में सुना गया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जिसकी मदद से आपका लैपटॉप भी आपकी निगाहों की बात जान लेगा.

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नजरों से खुलेगा राज
नजरों से खुलेगा राज

अब तक सिर्फ प्रेमी युगल के बीच ही निगाहों-निगाहों में बात होने के बारे में सुना गया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जिसकी मदद से आपका लैपटॉप भी आपकी निगाहों की बात जान लेगा.

अपनी बात कहने में असमर्थ मरीजों की मदद के लिए ईजाद की गई इस तकनीक में सिर्फ लैपटॉप और एक कैमरे की मदद से मरीजों से पूछे गए प्रश्नों का जवाब उनकी निगाहों से जाना जा सकेगा.

विज्ञान शोध पत्रिका 'करेंट बायोलॉजी' में प्रकाशित शोधपत्र में कहा गया है कि इसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की सहायता से मरीज की पुतलियों के आकार में आने वाले परिवर्तन को पढ़कर उनके उत्तर को जाना जा सकेगा. अमूमन मनुष्य की पुतलियों के आकार में परिवर्तन मानसिक गुणा-जोड़ करते वक्त होता है.

वेबसाइट 'ईसाइंसन्यूज डॉट कॉम' ने शोधकर्ताओं के हवाले से कहा है कि पुतली के आकार को मापने वाली यह नई प्रणाली सिर्फ ऐसे मरीजों के लिए ही मददागर नहीं होगी, जो गंभीर रूप से बातचीत करने में असक्षम हों, बल्कि यह प्रणाली ऐसे मरीजों की मानसिक स्थिति जानने में भी मददगार हो सकता है, जिनकी चेतना की अवस्था स्पष्ट न हो.

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वेबसाइट ने जर्मनी के मारबर्ग में स्थित फिलिप्स विश्वविद्यालय में शोधकर्ता वॉल्फगैंग ईनहॉसर के हवाले से कहा, 'हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण बात है कि सभी स्वस्थ व्यक्तियों पर किया गया परीक्षण पूरी तरह कामयाब रहा. हमें पूरा विश्वास है कि बिना किसी फेरबदल और प्रशिक्षण के इसे मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.'

ईनहॉसर ने कहा, 'चेतनाशून्य या कम चेतना वाले मरीजों के लिए, जैसे कोई मरीज यदि कॉमा में हो या ऐसी अवस्था में हो कि वह आपके प्रश्नों का उत्तर न दे सकता हो, तो ऐसी अवस्था में अगर किसी तरह का संचार स्थापित किया जा सके तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि कही जाएगी.'

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