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दुबई के इस एयरलाइंस ने बंद किया 'हिंदू भोजन' देना, ये बताई वजह..

अभी तक एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को उनकी धार्मिक मान्यता के मुताबिक अपना भोजन या नाश्ता चुनने का विकल्प दिया जाता था.

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एमिरेट्स एयरलाइंस ने बदले नियम (फोटो एयरलाइसं के ट्विटर अकाउंट से साभार)
एमिरेट्स एयरलाइंस ने बदले नियम (फोटो एयरलाइसं के ट्विटर अकाउंट से साभार)

दुबई की प्रतिष्ठित एयरलाइंस एमिरेट्स ने यात्रियों को दिए जाने वाले 'हिंदू मील' के विकल्प को बंद कर दिया है. यह विकल्प खासकर भारतीय यात्रियों के लिए जरूरी और लोकप्रिय था. एयरलाइंस का कहना है कि उसने यात्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर यह बदलाव किया है.

अभी तक एयरलाइंस के द्वारा यात्रियों को उनकी धार्मिक मान्यता के मुताबिक अपना भोजन या नाश्ता चुनने का विकल्प दिया जाता था. अपनी सुविधाओें की जानकारी देते हुए एयरलाइन यह जानकारी देता था, 'हिंदू ग्राहक अपनी खास जरूरतों के मुताबिक और क्षेत्रीय विशेषताओं वाले शाकाहारी और विशेष खान-पान का एडवांस में बुकिंग कर सकते हैं. इनमें शाकाहारी जैन भोजन, भारतीय शाकाहारी भोजन और बिना बीफ वाला नॉन-वेज भोजन का विकल्प शामिल है.'

ज्यादातर देसी-विदेशी एयरलाइंस अपने यात्रियों को ऐसे विकल्प देते हैं ताकि बीफ या पोर्क न खाने वाले यात्री अपने पसंदीदा भोजन का आनंद ले सकें. एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस ने भी अपने 'धार्मिक' मेन्यू में कई खास तरह के भोजन के विकल्प दे रखे हैं.

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एमिरेट्स ने अपने बयान में कहा है, 'एमिरेट्स हिंदू भोजन का विकल्प बंद कर रहा है. हम लगातार अपने ऑफर की समीक्षा करते रहते हैं और ग्राहकों की जानकारी और फीडबैक के आधार पर इसमें बदलाव करते हैं...'  एमिरेट्स के धार्मिक भोजन में यहूदी भोजन भी शामिल है.

गौरतलब है कि एमिरेट्स ने साल 1985 में दुबई से महज दो विमानों के साथ अपना कारोबार शुरू किया था. आज यह दुनिया की प्रमुख और लोकप्रिय एयरलाइंस में शामिल हो चुकी है. बड़ी संख्या में भारतीय यात्री विदेशी गंतव्यों के लिए इस एयरलाइंस की फ्लाइट की सेवा लेते हैं.

इसके बेड़े में आज 250 से ज्यादा एयरबस 380 और बोइंग 777 विमान हैं. यह भारत के दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोच्च‍ि, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई जैसे शहरों से अपनी फ्लाइट सेवाओं का संचालन करती है.

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