एक महिला अचानक डीएनए टेस्ट कराने के बाद अपने पिता के बारे में एक चौंकाने वाली सच्चाई जानकर दंग रह गई. उसने बताया कि कैसे उसके पति ने अपने डीएनए के नतीजे आने के बाद उसे भी टेस्ट कराने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद महिला ने भी बिना किसी उद्देश्य के शौकिया डीएनए टेस्ट करवा लिया. फिर उसके मन में अपने डीएनए इतिहास के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा हुई.
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के जिंदगी में उसके पिता की भूमिका हमेशा से संदेहास्पद रही थी. पिता की भूमिका को लेकर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लेकर वह बड़ी हुई थी. उसने रेडिट पर कहा कि मुझे और मेरे दो बड़े भाई-बहनों को हमारे नाना-नानी ने बचपन में ही गोद ले लिया था. जब मेरी मां ने हमें जन्म दिया था तब वह बहुत कम उम्र की थीं. मेरी मां हमेशा हमारे जीवन में आती-जाती रही हैं, लेकिन वह स्थायी रूप से हमारे साथ कभी नहीं रहीं. क्योंकि वह नशे की लत से पीड़ित रही हैं और जेल भी गई हैं.
एक बड़े आदमी को बताया गया था मेरा पिता
बचपन में हम तीन भाई-बहन थे और मुझे छोटी उम्र से ही पता था कि मेरे दो बड़े भाई-बहनों के पिता मेरे पिता नहीं हैं. इसलिए वे मेरे साथ अलग तरह का व्यवहार करते थे और हमेशा मुझे यह जताते रहते थे कि मैं उनकी सौतेली बहन हूं.उसे बताया गया था कि उसके पिता एक "बड़े व्यक्ति" थे और वहीं मेरी परवरिश के लिए पैसे देते थे. फिर भी उनके साथ मेरा पिता-पुत्री का रिश्ता नहीं था. क्योंकि मैं कभी उनसे नहीं मिली थी.
इसके बजाय, वहीं मेरे सौतेले भाई-बहनों अपने पिता के साथ दिन भर घूमते-फिरते रहते थे. यहां तक कि उनके सौतेले पिता ने जिस दूसरी महिला से शादी कर ली थी उनके बच्चे भी हमलोगों से मिलने आते थे. महिला ने बताया कि बड़ी होने के बाद मैंने वास्तव में यह सोचना और पूछना शुरू कर दिया कि मेरे पिता कौन थे क्योंकि कोई भी मुझे इसका ठोस जवाब नहीं दे सका और हमेशा यही कहा जाता था कि शायद मेरे सौतेले पिता ही मेरे पिता हों या फिर वो आदमी जो मेरी परवरिश का जिम्मा उठा रहा था.
जिंदगी भर मेरे पिता की असलियत एक रहस्य बना रहा
महिला ने बताया कि मैंने अंततः अपने 'पिता' से संपर्क करने की कोशिश करना छोड़ दी. क्योंकि वह स्पष्ट रूप से मुझसे बच रहे थे. इसलिए मैंने इस मामले को वहीं छोड़ दिया. जब महिला के पति ने घर पर ही डीएनए टेस्ट करवाया, तब जाकर उन्होंने अपने वंश के बारे में और जानने का फैसला किया.
महिला ने बताया कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि इससे उनके पिता की पहचान उजागर हो जाएगी. महिला ने कहा कि मैंने यह टेस्ट इसलिए करवाया क्योंकि मेरे पति ने शौकिया करवाने को कहा और मुझे जिज्ञासा हुई. मैंने उनसे कई बार मजाक में कहा कि उम्मीद है इससे मुझे पता चल जाएगा कि मेरे असली पिता कौन हैं.
इस टेस्ट से पता चला कि मेरे पिता वही व्यक्ति थे जो मेरे सौतेले दो बड़े भाई-बहनों के पिता भी थे. उसने सिर्फ इसलिए अपनी पहचान ज़ाहिर की क्योंकि उसने खुद Ancestry पर डीएनए विश्लेषण करवाया था और उसने अपनी तस्वीर भी अपलोड की थी. फिलहाल मेरा उन भाई-बहनों से कोई संपर्क नहीं है, इसलिए मैंने उन्हें बताया नहीं है और मुझे बताने की परवाह भी नहीं है.
डीएनए टेस्ट के बाद असलियत आई सामने
महिला ने बताया कि अब मेरे सामने सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि आखिर उस शख्स ने पूरी जिंदगी मुझसे ऐसा क्यों जताया कि मैं उनकी बेटी नहीं हूं. मां से मेरे संबंध भी ज़्यादा अच्छे नहीं हैं, इसलिए में उनसे जवाब नहीं ले सकतीं. उन्होंने आगे कहा कि मेरे मन में सवाल तो थे और मां और नानी से मेरे रिश्ते बहुत अच्छे भी नहीं हैं. फिर भी मैंने मां के बदले अपनी नानी से पूछा उन्हें क्या लगता है.
फिर नानी ने बताया कि जिस शख्स के बारे में दावा किया गया था कि वो मेरे 'पिता'हैं. उन्होंने जिंदगी भर मेरे भरण-पोषण के लिए भुगतान किया था. उन्होंने सरकार के तरफ अपना पितृत्व परीक्षण नहीं कराया और न मेरी मां के बारे में भी कुछ बताया. नानी ने ये बातें मुझसे बिना पूछे ही शुरू कर दीं.
वहीं मेरी मां ने बताया कि मेरा खर्चा उठाने वाला शख्स ही मेरे पिता थे और उन्होंने सरकार की तरफ से पितृत्व परीक्षण करवाया था. वहीं डीएनए जांच में मेरे पिता साबित होने वाले शख्स को मेरा असली बाप मानने से इनकार कर कर दिया.
मां को ड्रग्स की थी बुरी लत
मैं अपनी मां की बात पर पूरी तरह से इसलिए विश्वास नहीं करती क्योंकि उस समय मेरी दादी के पास मेरी कस्टडी थी, मेरी मां के पास नहीं. मेरी मां ने मुझे बताया कि वंशावली के परिणाम सटीक नहीं हैं और वह जानती है कि उसके संबंध उस वक्त किस व्यक्ति के साथ थे. लेकिन सच कहूं तो मेरी मां के चार और बच्चे हैं, जिनके पिता अलग-अलग हैं. मेरी मां बचपन से ही पार्टी और ड्रग्स लेती रही हैं.
सौतेला पिता ही निकला असली
असल में मेरे असली पिता को लगता रहा कि मैं उनकी बेटी नहीं हूं और उन्होंने मुझसे सौतेले जैसा व्यवहार किया. यही वजह है कि मेरे अपने भाई-बहन भी मुझसे सौतेलों की तरह व्यवहार करते रहे. वहीं जिस शख्स को मेरा पिता बताया गया और जिसने अपनी बेटी समझकर मेरा खर्चा उठाता रहा, उससे मेरा कोई जैविक रिश्ता नहीं था. बस वह मेरे जन्म से पहले मेरी मां के साथ कुछ दिनों तक रिश्ते में रहा था.