एमसीडी चुनाव से पहले रिजर्वेशन के मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी.
चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले दिल्ली चुनाव आयोग हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा था. दरअसल कई पार्षदों ने अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए राज्य चुनाव आयोग के फॉर्मूले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
इन पार्षदों का तर्क था कि एमसीडी बंटवारे के बाद अगले चुनाव के लिए दलित उम्मीदवारों के लिए जो सीटें आरक्षित करने का फार्मूला है, वो गलत है.
उनके मुताबिक़ दिल्ली चुनाव आयोग ने साल 2001 की जनगणना के आधार पर एमसीडी सीटों का आरक्षण कर दिया है जबकि पिछले दस साल में उन सीटों का जातिगत समीकरण बदल चुका है.