दिल्ली की एक अदालत ने कॉरपोरेट जासूसी मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को छह मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. आरोपियों ने अदालत में आरोप लगाया कि पुलिस ने हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्हें सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया.
चार आरोपियों लालता प्रसाद, राकेश कुमार, प्रयास जैन और शांतनु सैकिया को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल के सामने पेश किया गया.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अदालत से मांग की कि उन्हें 11 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि इस समय उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है. सुनवाई के दौरान, इन चार आरोपियों की ओर से पेश वकील ने मजिस्ट्रेट से कहा कि उनके मुवक्किलों को हिरासत में पूछताछ के दौरान 5-6 सादे कागजों पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया गया.इस पर मजिस्ट्रेट ने चारों आरोपियों से व्यक्तिगत रूप से पूछा कि उनसे कागजों पर हस्ताक्षर करवाये गये हैं या नहीं.
अदालत के सवाल के जवाब में आरोपियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने उनसे सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए.
सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत को इस मामले की केस डायरी पर हस्ताक्षर करने चाहिए. अदालत ने अनुरोध स्वीकार करते हुए जांच अधिकारी को केस डायरी पर उससे हस्ताक्षर कराने का निर्देश दिया.
इनपुट भाषा