
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राजेश प्रजापति मंगलवार को जिला कलेक्टर से खफा हो गए और अपने कार्यकर्ताओं के साथ रात के अंधेरे में कलेक्टर बंगले के बाहर बैठकर धरना देने लगे.
उधर सत्ताधारी पार्टी के विधायक के धरने की जानकारी लगते ही पुलिस एवं प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और उनको मनाने का प्रयास किया गया मगर विधायक अड़े रहे और धरने पर लगातार बैठे रहे.
विधायक बोले-कलेक्टर हमारी नहीं सुनते हैं
विधायक ने कहा कि वह दलित विधायक हैं इसीलिए कलेक्टर शीलेंद्र सिंह उनकी नहीं सुनते बल्कि दलितों की सरकार सबसे ज्यादा सुनती है. सरकार में हमारी सबसे ज्यादा बात सुनी जाती है मगर यहां के कलेक्टर हमारी नहीं सुनते. हम उस क्षेत्र से आते हैं जो जिले की सबसे दूरदराज की विधानसभा है फिर भी हमारे क्षेत्र की जनता की और हमारी कलेक्टर नहीं सुना करते.

विधायक राजेश प्रजापति फिर बोले कि कलेक्टर से मिलने जब हम ऑफिस चार बजे पहुंचे तो उन्होंने एक घंटे इंतजार कराया और नहीं मिले. उसके बाद बंगले पर आए तो गार्ड ने कलेक्टर को फोन किया तो उन्होंने कहा विधायक से कह दो हम घर पर नहीं है, मगर कुछ देर बाद आरटीओ बंगले से बाहर निकले. तब हमने उनसे पूछा क्या साहब है तो उन्होंने कहा साहब तो अंदर हैं. अब जरा बताइए कलेक्टर हमसे क्यों झूठ बोल रहे हैं, क्यों नहीं मिलना चाहते. क्यों हमारी उपेक्षा करते हैं. हम जनता की समस्या लेकर आए थे मगर वह हमसे नहीं मिले.
आखिर तीन घंटे बाद रात पौने 12 बजे विधायक का धरना खत्म हुआ. यह धरना कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के बंगले से बाहर आने के बाद ही खत्म हुआ. इस मामले में कलेक्टर का कहना था कि वे शासकीय कार्यों में व्यस्त थे लेकिन विधायक जी को इंतजार कराने का कोई उद्देश्य नहीं था.