प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टीम अन्ना द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारित करते हुए ऐलान किया कि अगर उनके खिलाफ कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े आरोप सही पाए गए तो वह सार्वजनिक जीवन से सन्यास ले लेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोयला ब्लाक के आवंटन में अनियमितताओं के बारे में तथ्यों को जाने बिना गैरजिम्मेदाराना तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं.’
म्यामां से वापस लौटते हुए मनमोहन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप यदि साबित हुए तो मैं अपना सार्वजनिक जीवन छोड़ दूंगा. वित्त मंत्री, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और अब प्रधानमंत्री के तौर पर मेरा लंबा सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब है.’
सिंह ने कहा, ‘अगर इनमें रत्तीभर भी सचाई हुई, तो मैं अपने सार्वजनिक जीवन का त्याग कर दूंगा. इसके साथ ही जनता को इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि क्या देश में इस तरह की राजनीति से शासन होगा.’ टीम अन्ना के सदस्यों प्रशांत और शांति भूषण द्वारा पिछले सप्ताह लगाए गए आरोपों पर प्रधानमंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया है.
टीम अन्ना के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ पहली बार भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनके कोयला मंत्री के पद पर रहते हुए ब्लाक्स के आवंटन पर सीएजी की मसौदा रिपोर्ट का हवाला दिया. सिंह ने उनके और उनके मंत्रिमंडल के 14 सदस्यों के खिलाफ टीम अन्ना द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना बताया.’
प्रधानमंत्री ने सवालों का जवाब देने से पहले उनके साथ विशेष विमान में सवार मीडिया प्रतिनिधियों के लिए एक संक्षिप्त बयान पढ़ा. बयान में कहा गया कि इस मामले पर सीएजी की मसौदा रिपोर्ट के लीक हुए कुछ हिस्सों के आधार पर कोयला ब्लाक के आवंटन की खबरें हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसी विषय पर हमें भी एक पत्र मिला है. कोयला मंत्री ने इन आरोपों के जवाब में तथ्यात्मक ब्यौरा दिया है और कोयला मंत्रालय ने तमाम सूचना अपनी वेबसाइट पर डाल दी है.’
सिंह ने कहा कि सरकार को सीएजी की रिपोर्ट नहीं मिली है. जब हमें मिलेगी, तो सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के अनुरूप लोक लेखा समिति के सामने विस्तृत तथ्यात्मक जवाब दाखिल करेगी.’ उन्होंने कहा, ‘लीक मसौदे के आधार पर बिना जाने हवा में आरोप लगाना और इस बारे में चर्चा करना दुर्भाग्यपूर्ण है.’