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चीन की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं से परेशान अमेरिका

अमेरिका ने कहा है कि चीन अपनी अंतरिक्ष संबंधी बढ़ती क्षमताओं का इस्तेमाल अन्य देशों पर राजनयिक बढ़त हासिल करने के लिए कर सकता है. चीन द्वारा इनका इस्तेमाल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ भी किए जाने की ‘संभावना’ है.

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अमेरिका ने कहा है कि चीन अपनी अंतरिक्ष संबंधी बढ़ती क्षमताओं का इस्तेमाल अन्य देशों पर राजनयिक बढ़त हासिल करने के लिए कर सकता है. चीन द्वारा इनका इस्तेमाल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ भी किए जाने की ‘संभावना’ है.

एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चीन की आधुनिक सेना और खासतौर से उसकी अंतरिक्ष संबंधी क्षमताओं का इस प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे चीन अन्य देशों पर बढ़त ले ले या फिर विवादों का निपटारा अपने पक्ष में करवाने के लिए उनका इस्तेमाल करे. संभवत: अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ भी इनका इस्तेमाल हो.’

उपग्रहों के संबंध में अमेरिकी निर्यात नियंत्रण में संशोधन संबंधी राष्ट्रीय सुरक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन कई प्रकार की नयी ‘आक्रामक’ मिसाइलों के विभिन्न प्रकारों को विकसित और उनका परीक्षण करने में जुटा है. पुरानी मिसाइलों को उन्नत बना रहा है.

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के एंटी सेटेलाइट वेपन (एएसएटी) समेत उसके बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा कवच का मुकाबला करने के लिए चीन अंतरिक्ष संबंधी अन्य गतिविधियों में लगा है.’ इस रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश विभाग तथा रक्षा विभाग ने मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ‘चीन आधुनिक बैलेस्टिक मिसाइलों की व्यापक रेंज का निर्माण करता है जिनमें क्रूज़, हवा से हवा में मार करने वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी शामिल हैं.

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चीन के कई राकेट मोटर प्रोडक्शन संस्थानों तथा समायोजन संस्थानों का पिछले कुछ सालों में उन्नयन किया गया है जिनमें उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना भी शामिल है.’ रिपोर्ट कहती है कि ये रक्षा उपकरण उत्पादन संस्थान चीन की सेना को आपूर्ति करने के अलावा पूरी प्रणाली तथा मिसाइल तकनीक का बाजार में निर्यात भी कर सकते हैं.

चीन का अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान उद्योग उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं का विस्तार कर रहा है और उसका अंतरिक्ष में मानव अभियान संचालित करने का भी कार्यक्रम है. रिपोर्ट में इसे भी एक खतरे के रूप में रेखांकित किया गया है कि द पीपुल्स लिबरेशन आर्मी चीन के अंतरिक्ष और अंतरिक्ष में अन्य देशों की क्षमताओं का मुकाबला करने के लिए कई प्रकार की तकनीकों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने में जुटी है.

इसमें कहा गया है कि अमेरिकी और गठबंधन सैन्य अभियानों का पीएलए का एक विश्लेषण सूचना आधारित युद्ध से निपटने में अंतरिक्ष अभियानों के महत्व पर जोर देता है. इस विश्लेषण में दावा किया गया है कि ‘सूचना आधारित युद्ध में कमान अपने हाथों में लेने के लिए अंतरिक्ष मुख्य केन्द्र है. युद्ध स्थलों की निगरानी, नियंत्रण, सूचना संचार, नौवहन तथा स्थिति निर्देशन सभी कुछ उपग्रहों तथा अन्य सेंसरों पर निर्भर करता है.’

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