सरकार जिस समय संसद में विपक्ष का सामना करने के लिए तैयार हो रही है उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि संप्रग के पास मुद्दों से निपटने के लिए पर्याप्त संख्याबल है.
संसद का बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि मेरे विचार से, दबाव संसदीय जीवन का हिस्सा है. हम संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा और बहस करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे पास जरूरी संख्याबल है. सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की भावना के साथ काम करने और देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने तथा अवसरों से लाभ उठाने का आग्रह किया.
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हुए आघात तथा संघवाद जैसे मुद्दों के हावी होने की आशंका की पृष्ठभूमि में संसद का बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं होगा.
कांग्रेस नीत संप्रग शायद अपने गठबंधन के एक महत्वपूर्ण सहयोगी तृणमूल कांग्रेस को समझा पाने की स्थिति में नहीं रहे ,जिसने उर्वरक सब्सिडी में कटौती और पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि को लेकर अपना विरोध साफ शब्दों में जाहिर किया है. तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी उन गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों का भी साथ दे रही हैं जो प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र :एनसीटीसी: का विरोध कर रहे हैं.
विधानसभा चुनावों में प्रतिकूल नतीजों से कांग्रेस जहां दबाव में है वहीं विपक्षी नेता संकेत दे चुके हैं कि संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस, उसके सहयोगी दलों और विपक्ष में खींचतान होगी.
प्रधानमंत्री और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए तीन माह चलने वाला यह सत्र किसी चुनौती से कम नहीं होगा.