लंदन ओलंपिक में भारत की पदक उम्मीदों को तब बड़ा झटका लगा जब सानिया मिर्जा फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला युगल के पहले दौर में हारकर बाहर हो गयी.
व्यक्तिगत युगल रैकिंग में दसवें नंबर पर काबिज सानिया को ओलंपिक में महिला युगल में सीधा प्रवेश पाने के लिये 11 जून की समयसीमा तक शीर्ष दस में रहना होगा, सानिया यदि लंदन ओलंपिक में महिला युगल या एकल में जगह बनाती है तो उन्हें मिश्रित युगल में भी जगह मिल जाएगी जिसमें वह संभवत: महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाएंगी. इसके लिये उन्हें रोलां गैरां अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत थी. लेकिन पिछले साल यहां उपविजेता रही सानिया को अपनी जोड़ीदार बेथेनी माटेक सैंड्स के साथ पहले दौर में हार झेलनी पड़ी.
उन्हें रूस की निना ब्राटचिकोवा और रोमानिया की एडिना गालोविट्स हाल के हाथों 3-6, 6-4, 5-7 से हार का सामना करना पड़ा. इससे सानिया के लिये चोटी की दस खिलाड़ियों में बने रहना मुश्किल होगा. केवल चोटी की दस खिलाड़ियों को ही ओलंपिक में सीधे प्रवेश दिया जाएगा और उन्हें अपनी पसंद का जोड़ीदार चुनने की भी छूट होगी.
भारतीय महिला टेनिस की इतनी बुरी स्थिति है कि सानिया के बाद दूसरी सर्वाधिक रैंकिंग की खिलाड़ी रश्मि चक्रवर्ती है जिनकी युगल में रैकिंग 514 है. इन दोनों की संयुक्त रैंकिंग किसी भी तरह से क्वालीफिकेशन मार्क तक नहीं जा पाएगी.
मैच में पिछले सप्ताह ब्रूसेल्स ओपन की विजेता सानिया और बेथेनी की जोड़ी ने पहला सेट गंवाने के बाद अच्छा खेल दिखाया लेकिन आज उनका दिन नहीं था. दूसरा सेट जीतने के बाद वह मुकाबले को बराबरी पर लाये.
तीसरे सेट में भी सानिया और बेथेनी की जोड़ी पिछड़ रही थी लेकिन उन्होंने दसवें गेम में अपनी प्रतिद्वंद्वी जोड़ी की सर्विस तोड़कर स्कोर 5-5 से बराबर किया लेकिन अगले गेम में उन्होंने अपनी सर्विस गंवा दी.
उन्हें 12वें गेम में ब्रेक प्वाइंट की जरूरत थी लेकिन वे इसमें नाकाम रही. एआईटीए ने सानिया के लिये एकल वाइल्ड कार्ड के लिये आवेदन किया है. उसके महासचिव अनिल खन्ना ने टिप्पणी करने में सतर्क रवैया अपनाया.