जयपुर साहित्य उत्सव में सलमान रुश्दी के शामिल होने को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. भारत में पैदा हुए अंतरराष्ट्रीय लेखक ने खुद भी अपनी भारत यात्रा की योजनाओं को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है तथा ट्विटर पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है जहां वह नियमित रूप से टिप्पणी करते रहते हैं.
‘दी मिडनाइट चिल्ड्रन’ के लेखक रुश्दी नियमित रूप से ट्विटर पर लाग इन करते हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपनी टिप्पणियां करते हैं और कई बार तो दिन में कई बार टिप्पणी करते हैं लेकिन इस सप्ताह के शुरूआत से ट्विटर पर वह पूरी तरह से खामोश हैं. ट्विटर और उनकी एजेंसियों के जरिए रशदी से संपर्क करने के प्रयास सफल नहीं हो सके.
10 जनवरी को रुश्दी ने ट्विट किया था कि नियम के अनुसार मैं यहां प्रेस के सवालों के जवाब नहीं देता. पत्रकारों को इसके लिए मेहरबानी कर रेनडम हाउस, विली एजेंसी और जयपुर उत्सव जैसे नियमित माध्यमों का इस्तेमाल करना चाहिए. 1988 में लिखी गयी अपनी किताब ‘सेटेनिक वर्सेज’ को लेकर उनकी भारत यात्रा का कड़ा विरोध हो रहा है. कथित ईशनिंदा को लेकर इस किताब की दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय ने आलोचना की थी.
भारत में इस उपन्यास को प्रतिबंधित कर दिया गया था और ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला रोहेला खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया था.
भारत के शीर्ष इस्लामी मदरसे दारूल उलूम देवबंद द्वारा सरकार से रुश्दी को वीजा देने से इनकार किए जाने की मांग के बाद रशदी ने ट्विट किया था कि उन्हें भारत यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं है. लेखक के पास भारतीय मूल के व्यक्ति की श्रेणी का कार्ड है और वह जब भी चाहें भारत आ सकते हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि रुश्दी की यात्रा से सुरक्षा परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. इसी राज्य के जयपुर शहर में साहित्य उत्सव हो रहा है.