केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था में विकास की गति पटरी पर लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. मुखर्जी ने कहा कि भारत अपने मजबूत ढांचे के चलते आने वाले वर्षों में 8 से 10 फीसदी की दर से लगातार विकास करेगा.
शुक्रवार को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की वार्षिक बैठक को सम्बोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत ढांचा आने वाले वर्षो में हमें प्रत्येक वर्ष आठ से 10 फीसदी की दर से विकास के रास्ते पर लौटने में मदद करेगा.'
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार की नीति वर्ष 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट से पहले की विकास दर हासिल करने पर केंद्रित है.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए हमने आर्थिक संकट से पहले की विकास दर हासिल करने, निजी निवेश में तीव्र विकास का माहौल बनाने और कृषि, ऊर्जा एवं परिवहन क्षेत्र में आपूर्ति अवरोधों को दूर करने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं.'
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वर्ष 2008 की वैश्विक आर्थिक संकट से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था ने नौ फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की थी. सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है. मुखर्जी ने कहा कि भारत की विकास की रणनीति सामूहिक विकास है.
मुखर्जी ने शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, रोजगार का अधिकार एवं भोजन का अधिकार का हवाले देते हुए कहा, 'हमने कानूनी विधानों के जरिए लोगों को अपना हक पाने का अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाया है.'
समारोह से इतर पत्रकारों से बात करते हुए मुखर्जी ने भारतीय रुपये में हाल ही में आई गिरावट के लिए अंतर्राष्ट्रीय वस्तुओं की कीमत में अस्थिरता को जिम्मेदार ठहराया.