राज्यों के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति के प्रावधान को लोकपाल विधेयक से अलग करने पर केंद्र सरकार सहमत हो गई है. सरकार 21 मई को लोकपाल विधेयक राज्यसभा में पेश कर सकती है.
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस प्रावधान को हटाने पर भी सहमत हो गई है कि लोकपाल को पद से हटाने के लिए कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति से शिकायत कर सकता है. नए प्रावधान में यह व्यवस्था है कि दोनों सदनों के यदि 100 सांसद लोकपाल के खिलाफ शिकायत करते हैं तो उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पद से हटा सकता है.
ज्ञात हो कि केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी लोकपाल विधेयक में आम सहमति बनाने के लिए विभिन्न दलों से बातचीत कर रहे थे.
सूत्र ने यह भी बताया कि सरकार यदि लोकपाल विधेयक को राज्यसभा से पारित करा भी लेती है तो उसके पास लोकसभा में इसे पारित कराने का समय नहीं होगा क्योंकि संसद का बजट सत्र 22 मई को समाप्त हो रहा है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी ने बताया कि लोकपाल विधेयक का नया प्रारूप अब तक उन्हें मिला नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमें विधेयक की प्रति अभी तक नहीं मिली है.'