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तीसरे वनडे में आज भिड़ेंगे भारत-‍श्रीलंका

भारत और श्रीलंका के बीच आज तीसरा वनडे खेला जायेगा. ये मैच दोपहर ढाई बजे शुरू होगा. जीत के लिए दोनों ही टीमें कमर कस कर तैयार हैं.

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भारत और श्रीलंका के बीच आज तीसरा वनडे खेला जायेगा. ये मैच दोपहर ढाई बजे शुरू होगा. जीत के लिए दोनों ही टीमें कमर कस कर तैयार हैं. इस मैच को हारने वाले टीम के लिए सीरीज़ में वापसी करना कठिन होगा, क्योंकि फिर सीरीज़ जीतने के लिए आखिरी दोनों मैच जीतने होंगे. लिहाजा दोनों टीमें इस मैच को जीतने के लिए सबकुछ झोंकने को तैयार हैं.

थोड़ी खुशी, ज्यादा गम. ये है टीम इंडिया की अबतक की कहानी. पहले ही मैच में जादू जैसी जीत मिली लेकिन अगले मैच में लगा हार का जोरदार थप्पड़ और सारा जादू बिखर गया. अब जिस हकीकत से सामना है वो कड़वा हो ना हो मीठा तो कम से नहीं ही है.

टीम इंडिया को इस बात का एहसास है कि कोलंबो की लड़ाई हद से ज्यादा अहम है, और ये भी कि यहीं तय हो जायेगा कि सीरीज़ क्या रुख लेगी. क्योंकि यहां दो मैच होने हैं. दोनों मैचों के नतीजे जिस भी टीम के हक़ में होंगे सीरीज़ उसकी होगी. जाहिर है एक पल की भी ढिलाई रुलाई का सबब बन सकती है. अच्छी बात ये है कि टीम हर मोर्चे पर मुस्तैद रहने का वादा कर रही है.

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इसी बात को ध्यान में ऱखते हुए टीम ने प्रैक्टिस में पूरी ताकत झोंकी है. एक-एक बल्लेबाज़ पर, एक-एक गेंदबाज़ पर ध्यान रखा गया और ध्यान इस बात पर भी रखा गया कि श्रीलंका की किस कमजोरी को अपनी ताकत बनाई जाये. फिलहाल जो बात टीम इंडिया को सुकून दे सकती है तो वो ये कि कोलंबो में कंडीशंस का रोल काबिलियत से ज्यादा नहीं. टीम के सभी खिलाड़ियों को यहां खेलने का लंबा तजुर्बा भी है.

जीत के लिए टीम इंडिया को श्रीलंका की कमजोरी पर भी वार करना होगा, क्योंकि मैच सिर्फ काबिलियत और ताकत पर नहीं जीते जाते. जीत के लिए विरोधी टीम की कमजोरी को भी भुनाना होता है. फिलहाल श्रीलंका की कमजोरी उसका मीडिल ऑर्डर है. पहले मैच में वो बिखरा और दूसरे में उसका टेस्ट ही नहीं हुआ. माही की पारखी नजरों ने अगर इस कमजोरी को परखा होगा तो कोलंबो उनकी टीम ज़रूर कमाल करेगी.

टीम इंडिया को भाता है प्रेमदासा स्‍टेडियम
कोलंबो के प्रेमदासा मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी जब टॉस के लिए जायेंगे तो हंबनटोटा में मिली हार की कड़वी यादें उनका पीछा नहीं करेंगी. जानते हैं क्यों, क्योंकि प्रेमदासा में धोनी और उनकी टीम का रिकॉर्ड टनाटन है. जाहिर है उनका स्वागत सुनहरी यादें करेंगी. धोनी की टीम का इस मैदान से खास नाता है. धोनी और उनकी टीम पर हमेशा ही मेहरबान रहा है ये मैदान.

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इस मैदान पर आते ही धोनी की जान में जान आ जाती है. पिछली हार की हताशा से उबरने और जीतने के लिए इस मैदान से बेहतर श्रीलंका का कोई और मैदान हो ही नहीं सकता है. पिछले पांच में से पांचों मैच जीती है टीम इंडिया. एक बार भी इस मैदान ने दगा नहीं दिया. इस बार भी अगर मैदान ने यारी निभाई तो कोलंबो में ही सील कर लेगी टीम इंडिया.

पिछले मैच में भारतीय बल्लेबाज़ों के सरेंडर के बावजूद टीम इंडिया की ताकत बल्लेबाज़ी ही है. ये मैदान बल्लेबाज़ों को भाता भी है. बशर्ते पहले बल्लेबाज़ी की जाये. भारत ने जो पिछले पांच मैच जीते, पांचों में उसने यहां उसने बल्लेबाज़ी की. धोनी को य़े बात याद जरूर होगी, टॉस उनके हक में गिरा तो शायद ही फैसला लेने में उन्हें कोई परेशानी होगी.

बस एक ही परेशानी है, वो ये कि वर्ल्ड कप के पहले यहां कि पिच को फिर से बिछाया गया था. तब से टीम इंडिया यहां खेली नहीं है. खैर जहां यादें अच्छी होती हैं वहां छोटी मोटी चुनौतियां खुद ही पतली गली से खिसक लेती हैं.

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