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पाक को हराकर भारत ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीती

गोलकीपर पीआर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत की युवा हाकी टीम ने बेहद रोमांचक फाइनल में पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर पहली एशियाई चैम्पियंस ट्राफी जीत ली.

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हाकी
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गोलकीपर पीआर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत की युवा हाकी टीम ने बेहद रोमांचक फाइनल में पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर पहली एशियाई चैम्पियंस ट्राफी जीत ली.

पाकिस्तानी टीम के कोच स्टेडियम की छत पर खड़े होकर भारतीय खिलाड़ियों को लगातार अपशब्द कहते रहे. भारतीय टीम से जब भी कोई मूव बनता तो वह भद्दी गाली देने लगते. अंपायर जब भी भारत के खिलाफ जाते तो वह ‘थंक्यू’ कहते दिखे.

नये कोच माइकल नोब्स के साथ पहला टूर्नामेंट खेल रहे भारत के लिये पेनल्टी शूटआउट में कप्तान राजपाल सिंह, दानिश मुज्तबा, युवराज वाल्मीकि और सरवनजीत सिंह ने गोल किये जबकि पाकिस्तान के लिये मोहम्मद रिजवान और वसीम अहमद ने गोल दागे. निर्धारित और अतिरिक्त समय के बाद दोनों टीमें गोलरहित बराबरी पर थी.

पिछली नाकामियों और मैदान के बाहर के विवादों को हाशिये पर रखकर मिली यह जीत भारतीय हाकी के लिये ‘संजीवनी’ से कम नहीं है. चैम्पियंस ट्राफी की मेजबानी छीने जाने के सदमे से जूझ रहे भारत के उन जख्मों पर यह मरहम की तरह है जो पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक गंवाने से उसे मिले थे.
पिछले साल अजलन शाह कप में दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त विजेता रहे भारत की यह पहली बड़ी जीत है. इसके साथ ही उसने इस साल अजलन शाह में पाकिस्तान से मिली 3-2 से हार का बदला भी चुकता कर लिया.

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शूटआउट में भारत की शुरुआत खराब रही जब पाकिस्तानी गोलकीपर इमरान शाह ने गुरविंदर सिंह चांडी का शाट बचा लिया. इसके बाद श्रीजेश ने पाकिस्तान के अब्दुल हसीम खान की पेनल्टी बचाई. मुज्तबा ने गोल करके भारत को 1-0 से बढत दिला दी. पाकिस्तान ने रिजवान के गोल के दम पर बराबरी की लेकिन भारतीय कप्तान राजपाल ने गोल करके टीम को 2-1 की बढत दिला दी. श्रीजेश ने फिर शफकत रसूल का शाट रोका.

युवराज ने भारत की बढत 3-1 की कर दी. पाकिस्तान के लिये अनुभवी वसीम ने गोल करके स्कोर 3-2 कर दिया. सरवनजीत के गोल ने हालांकि भारत की जीत तय कर दी.

इससे पहले भारत और पाकिस्तान ने निर्धारित समय के भीतर कई मौके गंवाये. पाकिस्तान को सात और भारत को एक पेनल्टी कार्नर मिला. अनुभवी ड्रैग फ्लिकर सोहेल अब्बास के बिना खेल रही पाकिस्तानी टीम को भारतीय डिफेंडरों और गोलकीपर श्रीजेश ने बांधे रखा.

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तानी टीम ने शुरू में काफी आक्रामक मूव बनाये. शकील अब्बासी ने भारतीय खेमे में कई बार सेंध लगाई लेकिन डिफेडर वी रघुनाथ ने उनका हर वार नाकाम कर दिया.

भारतीय फारवर्ड पंक्ति ने भी जवाबी हमले बोले जिसका पाकिस्तानी डिफेंस ने माकूल जवाब दिया. काफी तनाव में खेले गए इस मैच में फारवर्ड एस वी सुनील को ग्रीन कार्ड भी मिला.

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पाकिस्तान को 14वें मिनट में पहला पेनल्टी कार्नर मिला जिसे श्रीजेश ने बचाया. भारत ने इस बीच मिडफील्ड में गेंद पर से नियंत्रण कई बार गंवाया. भारत को 29वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन इग्नेस टिर्की गेंद को ट्रैप नहीं कर पाये.

दूसरे हाफ में पाकिस्तान को कई पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन उसने सारे मौके गंवा दिये. पाकिस्तानी टीम 41वें, 47वें और 48वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल नहीं कर सकी.

निर्धारित समय पूरा होने में 14 मिनट रहते भारत के पास गोल करने का सुनहरा मौका था जब मुज्तबा के पास गेंद थी और पाकिस्तानी गोलकीपर सर्कल में अकेले था लेकिन उनका शाट बाहर निकल गया. पाकिस्तान ने 60वें और 62वें मिनट में फिर पेनल्टी कार्नर गंवाये.

भारत 65वें मिनट में गोल के करीब पहुंचा लेकिन युवराज का शाट मामूली अंतर से चूक गया. अतिरिक्त समय में भी कोई गोल नहीं हो सका.

भारतीय कोच नोब्स की आंखों में मैच के बाद आंसू थे. उन्होंने कहा ,‘‘यह अच्छी जीत है . दोनों टीमों ने अच्छा खेला. मुझे खुशी है कि भारत की युवा टीम ने यह टूर्नामेंट जीता.’’

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